लगातार 3 सेंचुरी.. अजहर को याद आए वो करिश्माई पल

नई दिल्लीक्रिकेट फैन्स के बीच ‘कलाई के जादूगर’ कहे जाने वाले पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपने डेब्यू टेस्ट और फिर लगातार 3 मैचों में लगाए गए शतक को याद किया है। उन्होंने बताया कि किस तरह उन्हें मैच से ठीक पहले प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया था।

इसके बाद जो उन्होंने किया वह इतिहास है। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ दिसंबर, 1984 में कोलकाता में डेब्यू किया था और 110 रनों के साथ करियर का आगाज किया था।

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45 मिनट पहले पहले पता चलाउन्होंने उस पल को याद करते हुए इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे खेल शुरू होने से केवल 45 मिनट पहले अपने खेलने के बारे में पता चला। मैं बहुत घबरा गया था। हालांकि, मुझे विश्वास था कि पिछले तीन-चार महीनों (घरेलू क्रिकेट में) में मेरा बहुत अच्छा प्रदर्शन रहा है। मैं रणजी ट्रोफी में दोनों पारियों में शतक बनाने के बाद यहां हूं। आत्मविश्वास था, लेकिन मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं को भी मुझ पर बहुत भरोसा था। चंदू बोर्डे सर (तत्कालीन मुख्य चयनकर्ता) ने जोर देकर कहा कि मुझे खेलना चाहिए।’

दो टेस्ट के लिए 12वां खिलाड़ी था
उस वक्त खराब प्रदर्शन की वजह से कपिल देव को बाहर बैठना पड़ा था। उन्होंने बताया, ‘मैं पहले दो टेस्ट के लिए 12 वां खिलाड़ी था। इसलिए मैं कम से कम यह समझ रहा था कि टेस्ट क्रिकेट कैसे खेला जाता है और मानसिक रूप से तैयारी कैसे की जाती है। मैंने देखकर बहुत कुछ सीखा। मैं सनी भाई (गावसकर) के साथ खेलने को लेकर भाग्यशाली महसूस कर रहा था। उस टीम में बहुत सारे महान खिलाड़ी थे – दिलीप भाई (वेंगसरकर), जिमी भाई (मोहिंदर अमरनाथ), किरी भाई (सैयद किरमानी)। कपिल पाजी उस मैच में नहीं थे, लेकिन मेरे पास बहुत से लोग थे जो मुझे सलाह दे सकते थे।’

अनुकूल नहीं थीं परिस्थितियांउन्होंने उस मैच का जिक्र करते हुए कहा, ‘पहली बार मैं इतनी बड़ी भीड़ के सामने खेल रहा था। गेंद चारों ओर स्विंग हो रही थी। दिसंबर के अंत में कलकत्ता बहुत ठंडा है। अंधेरा था। वर्ष के उस समय के दौरान प्रकाश बहुत कम हो जाता है। मैं भाग्यशाली था कि 322 गेंदें खेली और 10 चौके की मदद से 110 रन बनाए। यहां परिस्थितियां स्ट्रोक बनाने के लिए अनुकूल नहीं थीं। मुझे फोकस करना था, जो मैंने किया और दिन के अंत में मुझे एक शतक मिला। यह बहुत संतोषजनक रहा। यह नियति थी कि मैंने अपने पहले ही मैच में शतक जड़ा।’

इसके बाद अजहरुद्दीन ने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नै टेस्ट की दूसरी पारी में 105 और कानपुर में 122 रन की पारी खेली। ईडन गार्डंस की बात करें तो यहां पर अजहर ने अपने करियर में सात टेस्ट में 107.50 की औसत से 860 रन बनाए, जिसमें पांच शतक शामिल हैं।

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