इस साल की शुरुआत में ब्रिटेन का एक संसदीय समूह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पहुंचा। इसका काम कश्मीर में होने वाले मानवाधिकार उल्लंघन पर रोशनी डालना था। अब एक ताजा खुलासे में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान सरकार ने इस समूह की ट्रिप के लिए 30 लाख रुपये दिए थे। इस समूह की अध्यक्ष और ब्रिटेन की लेबर पार्टी की सांसद डेबी अब्राहम्स (Debbie Abrahams) को इससे पहले अवैध वीजा के चलते भारत आने से रोक दिया गया था। डेबी को उनके भारत विरोधी विचारों के लिए जाना जाता है।
पाक सरकार ने किया खर्च
ब्रिटेन के रजिस्टर ऑफ ऑल पार्टी पार्लमेंट्री ग्रुप (All party Parliamentary Group, APPG) के मुताबिक कश्मीर पर बने APPGK को पाकिस्तान सरकार से 18 फरवरी को 29.7 लाख रुपये से 31.2 लाख रुपये के बीच ‘Benefit in Kind’ (कैश के अलावा मिलने वाला खर्च) मिला था। यह समूह 18-22 फरवरी के लिए ‘पाकिस्तान और आजाद कश्मीर’ गया था। APPG को इस रजिस्टर में 1500 पाउंड (1.41 लाख रुपये) से ज्यादा पैसे या Benefit in Kind मिले तो उसे बताना पड़ता है।
क्या है APPGK?
APPGK में अलग-अलग पार्टियों के सांसद और एक्सपर्ट्स हैं जिनमें कुछ की जड़ें पाकिस्तान से भी जुड़ी हैं। यह समूह ‘बातचीत के रास्ते कश्मीर के लोगों के आजादी के अधिकार का समर्थन करता है, ब्रिटेन की संसद से समर्थन जुटाता है, कश्मीर के मानवाधिकार उल्लंघनों पर रोशनी डालता है और लोगों के लिए इंसाफ की मांग करता है।’ इस समूह की अध्यक्षता डेबी अब्राहम्स कर रही थीं जिन्हें भारत-विरोधी विचारों के लिए जाना जाता है।
भारत-विरोधी डेबी को लौटा दिया था
लेबर पार्टी की सांसद डेबी को 17 फरवरी को भारत से दुबई डिपोर्ट कर दिया गया था। उनका ई-वीजा अवैध पाया गया था। अगले दिन 18 फरवरी को वह पाकिस्तान सरकार के खर्चे पर पाक प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलने गई थीं। इससे डेबी जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने और उसे लद्दाख के साथ केंद्र शासित प्रदेश बनाने पर आपत्ति जता चुकी थी और भारतीय उच्चायुक्त से चिंता भी व्यक्त की थी। उन्हें डिपोर्ट करने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह साफ कहा था कि डेबी भारत के खिलाफ अभियान चला रही हैं और उन्हें ‘बड़ी इज्जत से’ वापस भेज दिया गया है।