दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भूकंप के झटके आना जारी है। ताजा झटके अफगानिस्तान में महसूस किए गए हैं। यहां रविवार सुबह 5:28 बजे ये झटके लगे जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.8 दर्ज की गई है। फिलहाल, इसके कारण हुए नुकसान का पता नहीं लग सका है। इससे पहले एक स्टडी में भूंकप आने के पीछे सूरज से कनेक्शन की संभावना जताई गई थी।
रविवार सुबह अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में 3.8 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। नैशनल सेंटर फॉर सीस्मॉलजी ने इस बारे में जानकारी दी। इससे पहले 6 जुलाई को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के उत्तर पश्चिमी हिस्से में सोमवार को स्थानी समय के मुताबिक रात 8:40 को भूकंप के तेज झटके लगे थे। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.6 पाई गई थी । भूकंप की गहराई सिर्फ 8 किमी बताई गई है। इसके चलते शहर में काफी तेज झटके महसूस किए गए।
क्यों आता है भूंकप?
वहीं इससे पहले एक स्टडी ऐसे संकेत मिले हैं कि इनके पीछे सूरज पर होने वाले विस्फोट जिम्मेदार हो सकते हैं। रोम के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स ऐंड वॉल्केनॉलजी में रिसर्चर्स की टीम ने पता लगाया है कि सूरज पर होन वाले विस्फोटों में निकलने वाले प्लाज्मा और दूसरे पार्टिकल और धरती पर आने वाले भूकंप में कनेक्शन हो सकता है।
स्टडी में पता चला है कि सूरज पर बडे विस्फोट होने के 24 घंटे के अंदर धरती पर ऐसे भूकंपों की संख्या में इजाफा देखा गया जिनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.6 से ज्यादा थी। टीम के मुताबिक इसका सिर्फ इत्तेफाक होने की संभावनाएं बेहद कम हैं। इस थिअरी के आधार पर बिना तूफान के मौसम के भूकंप आने पर बिजली कड़कने और रेडियो वेव में रुकावट जैसी चीजों को भी समझा जा सकता है।