अफगानिस्तान में हिंदू और सिख समुदाय के नेता सचदेवा को रिहा करा लिया गया है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि अपहर्ताओं ने उन्हें शनिवार को रिहा कर दिया। 22 जून को अफगानिस्तान के पकटिया प्रांत के चमकानी जिले से तालिबान आतंकियों ने गुरुद्वारे में सेवा करते समय उनका अपहरण कर लिया था। अफगान नागरिक निदान सिंह सचदेवा का परिवार दिल्ली में है और वह तीन महीने पहले ही अफगानिस्तान गए थे।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कबायली सरदारों की प्रशंसा की
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अफगानिस्तान और इलाके के कबायली सरदारों की प्रशंसा करते हैं जिनके प्रयास से निदान सिंह की सुरक्षित रिहाई हो गई। बाहरी समर्थकों के इशारे पर आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाना और उनका उत्पीड़न करना गंभीर चिंता की बात है। हाल में भारत ने निर्णय किया है कि अफगानिस्तान में सुरक्षा खतरे का सामना करने वाले अफगानी हिंदुओं और सिख समुदाय के लोगों को वह वापस भारत आने की सुविधा देगा।
1992 में परिवार संग दिल्ली आ गए थे निदान
में तालिबान की बढ़ती हिंसक गतिविधियों के कारण अपने परिवार के साथ 1992 में भारत आ गए थे। वह दिल्ली में शरणार्थियों के रूप में रह रहे थे।निदान सिंह दिल्ली में कुक का काम करते थे। इसके अलावा वे लंगरों में खाना भी बनाते थे।
तालिबान का गढ़ है पकटिया प्रांत
अफगानिस्तान के पकटिया प्रांत को तालिबान का गढ़ माना जाता है। यहां अमेरिका और पाकिस्तान में प्रतिबंधित हक्कानी नेटवर्क का भी बेस है। आतंकी घटनाओं के कारण इस इलाके में अफगानिस्तान सरकार का नियंत्रण बहुत कम है। ऐसी स्थिति के बावजूद भारत निदान की सुरक्षित रिहाई के प्रयास में जुटा हुआ था।
सुरक्षित रिहाई में जुटा था भारत
अपहरण के समय भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी चिंता जताई थी और कहा था कि अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा, सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए भारत अफगानिस्तान सरकार के संपर्क में है। भारत ने यह भी कहा था कि अफगानिस्तान सरकार निदान सिंह को सुरक्षित और शीघ्र मुक्त करने में सक्षम होगी।