चीन की राह पर चल रहे नेपाल ने अब भारत के सड़क और बाधों के बनाने पर आपत्ति जताई है। नेपाल ने तर्क दिया है कि भारत के सड़क और बांध बनाने से उसके क्षेत्र में बाढ़ की समस्या पैदा हो रही है। जबकि सच्चाई यह है कि नेपाल से आए पानी के कारण बिहार के कई हिस्से जलमग्न हैं। वहीं गंडक और कोसी नदी का पानी भी लगातार बढ़ रहा है।
नेपाल ने भारत को भेजा डिप्लोमेटिक नोट
नेपाल के समाचारपत्र कांतिपुर के अनुसार, ओली सरकार ने भारत को बकायदा राजनयिक पत्र (डिप्लोमेटिक नोट) भेजकर सड़क और बांध निर्माण पर आपत्ति जताई है। अखबार ने नेपाल के सिंचाई मंत्रालय के सचिव रवींद्र नाथ श्रेष्ठ के हवाले से लिखा है कि नेपाल विदेश मंत्रालय ने इस मामले में भारत को डिप्लोमेटिक नोट भेजकर आपत्ति जताई है। वहीं हर साल दोनों देशों के बीच होने वाले बाढ़ और जल प्रबंधन की संयुक्त समिति की बैठक को जल्द आयोजित करने की अपील की गई है।
नेपाली विदेश मंत्रालय ने बताया सामान्य प्रक्रिया
अखबार से नेपाल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भरतराज पौड्याल ने कहा कि डिप्लोमेटिक नोट दोनों देशों के बीच किसी जरुरी मुद्दे को लेकर दिया जाता रहा है। इसमें कोई नई बात नहीं है। दोनों देश किसी भी मुद्दे को लेकर आपसी बातचीत के जरिए हल करने में सक्षम है।
नेपाली गृहमंत्री ने बाढ़ के लिए भारत को बताया जिम्मेदार
सीमा विवाद के बीच भारत की ओर से बाढ़ रोकने में सहायक बांधों के मरम्मत कार्य को रोकने वाले नेपाल ने अब उल्टा भारत को ही अपने देश में बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है। नेपाल के गृहमंत्री राम बहादुर थापा ने संसदीय कमिटी की बैठक में कहा कि भारत के ‘हस्तक्षेप’ की वजह से देश के दक्षिण हिस्से में प्राकृतिक आपदा आई हुई है।
भारत के एकतरफा निर्माण से बाढ़ का खतरा!
थापा ने कहा कि भारत ने सीमा से सटकर कई ढांचों का निर्माण किया है। इसकी वजह से नेपाल को लंबे समय से मॉनसून के दौरान संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘सड़कों और अन्य ढांचों के एकतरफा निर्माण ने बांधों के जरिए नदियों के पानी को रोके जाने से समस्या दोगुनी हो गई है। इससे नेपाल के दक्षिणी इलाके में लगातार सैलाब आ रहा है।’