पाकिस्तान में पोलियो ड्रॉप पिलाए जाने का खुलकर विरोध करने वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के चीफ को संयुक्त राष्ट्र संघ ने ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया है। महसूद पर बड़े पैमाने पर स्वास्थ्यकर्मियों की हत्या का भी आरोप है। नूर को के कमांडर मुल्ला फजल्लुाह के अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद नया नेता चुना गया था। संयुक्त राष्ट्र के इस कदम से पाकिस्तान को झटका लगा है जो आतंकियों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करता है।
टीटीपी का नेता चुने जाने के बाद नूर ने कई भीषण हमले पाकिस्तान के अंदर किए हैं। नूर के वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने से पाकिस्तान को एक और झटका लगा है। पाकिस्तान इन दिनों एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है। उस पर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से नजदीकी संबंध रखने का आरोप है। उधर, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में टीटीपी प्रमुख के शामिल किए जाने के फैसले का स्वागत किया है।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएनएससी की आईएस और अल कायदा प्रतिबंध समिति ने टीटीपी के प्रमुख नूर वली महसूद को गुरुवार को अपनी प्रतिबंध सूची में शामिल कर लिया है। इसके तहत महसूद की संपत्ति को कुर्क करने के साथ ही साथ उस पर यात्रा व हथियार के प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘पाकिस्तान, यूएनएससी 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा उनकी आईएस और अलकायदा प्रतिबंध सूची में टीटीपी के नेता नूर वली महसूद के नाम का स्वागत करता है।’
2018 में महसूद को टीटीपी का नेता नामित किया गया
बयान में कहा गया है कि प्रतिबंधों को प्रासंगिक यूएनएससी प्रस्तावों के अनुपालन में पाकिस्तान द्वारा लागू किया जा रहा है और पाकिस्तान को उम्मीद है कि अन्य देश भी नियम का पालन करेंगे। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, पूर्व प्रमुख मौलाना फजलुल्लाह की मौत के बाद जून, 2018 में महसूद को टीटीपी का नेता नामित किया गया था।
इस संगठन को अलकायदा से संबंध रखने के लिए 29 जुलाई, 2011 को संयुक्त राष्ट्र ने काली सूची में डाला था। संयुक्त राष्ट्र ने आगे कहा, महसूद के नेतृत्व में टीटीपी ने पूरे पाकिस्तान में कई घातक आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिसमें जुलाई 2019 में उत्तरी वजीरिस्तान में सुरक्षा बलों को निशाना साधने सहित पिछले साल अगस्त में खैबर पख्तूनख्वा में बम विस्फोट शामिल है।