मरे हुए स‍ितारे की रफ्तार से वैज्ञानिक हैरान

लंदन
ब्रह्मांड पर नजर रखने वाले रिसर्चर्स को आए दिन दुर्लभ घटनाएं देखने को मिलती हैं। हाल ही में एक ऐसे देखने को मिला है जो Supernova (सुपरनोवा) के बाद भी जिंदा रह गया। White Dwarf ऐसे विशाल लाल सितारे होते हैं जिनका mass (द्रव्यमान) कम होता है और बाहरी सतह मरने के बाद खत्म हो जाती है। ये अरबों साल के बाद ठंडे हो पाते हैं। ये से अलग होते हैं जहां तारे की कोर में विस्फोट होता है और उसका मैटर स्पेस में फैल जाता है। हालांकि, SDSS J1240+6710 नाम का White Dwarf Star काफी अलग है।

इसके तत्व हैं अलग
आमतौर पर White Dwarf वायुमंडल में हाइड्रोजन और हीलियम होती है, कभी-कभी कार्बन या ऑक्सिजन भी लेकिन SDSS में ऑक्सिजन, सिलिकॉन, मैग्नीशियम, नियॉन, कार्बन, सोडियम और ऐल्युमीनियम मौजूद है। ये सारे तत्व किसी सुपरनोवा के दौरान होने वाले थर्मोन्यूक्लियर रिएक्शन से मिलते हैं।

Hubble Telescope से मिले डेटा के आधार पर माना जा रहा है कि इस सितारे में सुपरनोवा पूरा नहीं हुआ होगा। ऐसे सुपरनोवा पहले कभी नहीं देखा गया है। इस दौरान इसका काफी मैटर कम हुआ जिससे इसका mass (द्रव्यमान) सूरज का 40% है।

हमारी आकाशगंगा की ओर बढ़ा
इसके अलावा एक और बात रिसर्चर्स के सामने आई है। यह सितारा कभी किसी और सितारे के साथ Binary System में रहा होगा। सुपरनोवा के दौरान यह तेजी से हमारी आकाशगंगा की ओर आया। फिलहाल यह 5,59,234 मील प्रतिघंटा के रफ्तार से गुजर रहा है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ वॉरविक के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स में प्रफेसर बोरिस जेनसीक का कहना है कि इस सितारे में White Dwarf Star के सारे फीचर हैं लेकिन इसकी तेज गति और इसपर मौजूद तत्वों का इसके mass के साथ कोई संबंध नहीं दिख रहा है।

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