Imperial College : लंदन के इंपीरियल कॉलेज की ह्यूमन ट्रायल के दूसरे फेज में पहुंच गई है। इससे जुड़े वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पहले चरण के दौरान वैक्सीन ने अच्छा प्रभाव दिखाया है। ट्रायल के दूसरे फेज में 18 से 75 साल की उम्र के 105 लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। इसके चार सप्ताह बाद सभी प्रतिभागियों को बूस्टर डोज दिया जाएगा।
प्रतिभागियों पर टीम की कड़ी नजर
इंपीरियल कॉलेज की टीम क्लीनिकल ट्रायल से जुड़े सभी प्रतिभागियों की सेहत पर कड़ी नजर रख रही है। वैक्सीन को लेकर अभी तक कोई नकारात्मक असर नहीं देखा गया है। इस वैक्सीन से जुड़े डेटा को इकट्ठा करने के लिए टीम सभी प्रतिभागियों के खून की जांच भी करेगी।
2021 के शुरुआत में प्रोडक्शन की संभावना
इस प्रोजक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों ने बताया कि दूसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल के बाद नवंबर में इस वैक्सीन का तीसरा ट्रायल आयोजित किया जाएगा। इस दौरान वैक्सीन का परीक्षण 6000 लोगों पर करने की योजना है। इंपीरियल कॉलेज की टीम ने संभावना जताई है कि इस वैक्सीन को 2021 के शुरुआत में प्रोडक्शन के लिए दिया जा सकता है।
अलग तरह की है यह वैक्सीन
विश्व में जिन अन्य वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है उनमें से अधिकतर कमजोर या वायरस का परिवर्तित रूप हैं। जबकि इंपीरियल कॉलेज की यह वैक्सीन जेनेटिक कोड के सिंथेटिक स्ट्रैंड का उपयोग करके वायरस के असर को खत्म करेगी। यह वैक्सीन मांसपेशियों में इजेक्ट होने के बाद स्पाइक प्रोटीन को बनाने में सहायता करेगा।
दुनिया भर में 13 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल फेज में
बता दें कि दुनिया में वर्तमान समय में कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर 120 से ज्यादा प्रतिभागी काम कर रहे हैं। जबकि, इनमें से 13 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के फेज में पहुंच चुकी हैं। इनमें से सबसे ज्यादा चीन की वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल में है। बता दें कि चीन में 5, ब्रिटेन में 2, अमेरिका में 3, रूस ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी में 1-1 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल फेज में हैं।