1971 की जंग में छह महीने युद्ध बंदी रहे भारतीय सेना के एक अफसर के परिवार को गलत पेंशन मिल रही थी। वन रैंक वन पेंशन यानी OROP लागू होने के बाद भी उनकी बुजुर्ग पत्नी को बढ़ी पेंशन नहीं मिल पा रही थी। लेकिन कुछ महीने पहले जब एक बटालियन ऑफिसर जाकर परिवार वालों से मिले तो पेंशन की दिक्कत का पता चला और यह गड़बड़ी ठीक की गई। अब परिवार के अकाउंट में करीब 68 लाख रुपये क्रेडिट किए गए हैं, जो बकाया था। पेंशन भी अब हर महीने 1,18000 रुपये मिलने लगी है जो पहले 45000 रुपये मिल रही थी।
भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल रहे सुरेंद्र सिंह चौधरी की मौत 1987 में ब्लड कैंसर से हो गई। वह 1961 में 4 ग्रेनेडियर्स में कमिशन हुए। 1962, 1965 और 1971 की जंग में शामिल हुए और 1971 की जंग में शकरगढ़ सेक्टर में जख्मी हो गए और युद्ध बंदी बनाए गए। वह छह महीने युद्ध बंदी रहे और फिर उनकी वतन वापसी हुई। 1987 में उनकी ब्लड कैंसर से मौत हो गई, जिसके बाद उनके परिवार को स्पेशल फैमिली पेंशन मिलने लगी। लेकिन उनका परिवार जितनी पेंशन का हकदार था वह उन्हें नहीं मिल पा रही थी।
उनकी बेटी पूर्णिमा ने एनबीटी से बात करते हुए बताया कि हमें शुरू से लग रहा था कि पेंशन में कुछ तो गड़बड़ी है, लेकिन तब हमें समझ नहीं आया कि कैसे कहां शिकायत करनी है। तब हमें इसके बारे में कोई जानकारी भी नहीं थी। जब ओआरओपी आया तो भी लगा कि पेंशन बढ़नी चाहिए लेकिन कुछ हुआ नहीं। इसी साल मार्च में जब सेना की तरफ से एक बटालियन ऑफिसर परिवार वालों की खैरियत पूछने पहुंचे तब लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह की 76 साल की पत्नी पुष्पलता चौधरी से उन्होंने पेंशन को लेकर बात की।
उन्होंने बताया कि अगर पेंशन को लेकर कुछ शिकायत लग रही है तो वह डायरेक्टरेट ऑफ इंडियन आर्मी वेटरंस (डीएआईवी) में बात कर सकते हैं। जिसके बाद उनकी बेटी पूर्णिमा ने वहां बात की। जब सारे रेकॉर्ड चेक किए गए और बैंक की पासबुक से मिलान किया गया तो पता चला कि उन्हें हर महीने 45 हजार रुपये पेंशन मिल रही है जबकि वह 1,18000 रुपये पेंशन के हकदार हैं। जिसके बाद पंचकुला में एसबीआई के सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस (सीपीपीसी) में संपर्क किया गया और डिफेंस बैंकिंग एडवाइजर को भी बताया गया। सीपीपीसी ने माना कि गलती हुई है और बैंक मर्जर की वजह से यह गलती हुई। जिसके बाद पिछले महीने ही पुष्पलता के अकाउंट में बकाया 67,49,169 रुपये क्रेडिट किए गए। अब उन्हें पेंशन भी 1,18000 रुपये मिल रही है।