अफगानिस्तान को भारत तक पाक रास्ते का सच

नई दिल्ली
अंतरराष्ट्रीय छवि सुधारने को बेताब पाकिस्तान ने फिर से ऐसी गलती कर दी जिसे भारत ने दुनिया के सामने खोलकर रख दिया। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को के जरिए भारत तक माल भेजने की अनुमति दी और खुद को दुनिया की नजरों में दिलेर दिखाने की कोशिश करने लगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने उसके इस प्रयास पर पानी फेरते हुए इस कदम के पीछे पाकिस्तान के प्रपंच से पर्दा उठा दिया।

भारत ने खोली पाकिस्तानी प्रपंच की पोल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि यह भी दुनिया की आखों में धूल झोंकने की पाकिस्तान की एक चाल है। श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान सिर्फ अफगानिस्तान से माल भारत आने की इजाजत दे रहा है, न कि भारत से अफगानिस्तान माल भेजे जाने की। यह एकतरफा परिवहन अनुमति देकर पाकिस्तान दुनिया की नजर में अपनी छवि सुधारने की कोशिश में जुटा है जबकि हकीकत कुछ और है।

यह पाकिस्तान का एक और ढोंग: विदेश मंत्रालय
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान दिलेरी दिखाने का ढोंग रचता रहा है और उसकी यह चाल भी इसी का एक हिस्सा है। हमें साफ समझ लेना चाहिए कि पाकिस्तान अफगानिस्तानी ट्रकों को अफगानिस्तान के सामान ढोने की अनुमति नहीं दे रहा है। इस तरह वह परिवहन सुविधा पर अपना एकतरफा नियंत्रण चाहता है।’


अपने वादे से ही मुकर रहा है पाकिस्तान’
श्रीवास्तव ने बताया कि पाकिस्तान ने तो मानवीय आधार पर मदद के लिहाज से भारत की तरफ से अफगानिस्तान को गेंहू भेजने की भी इजाजत नहीं दी। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान फ्रीडम ऑफ द ट्रांजिट ऑफ अफगानिस्तान ऑफ द पाकिस्तान ट्रांजिट ट्रेड अग्रीमेंट (APTTA) के आर्टिकल 3 के तहत अफगानिस्तान के लिए दोतरफा परिवहन अधिकार नहीं दे रहा है जिसका उसने वादा किया था। यानी, पाकिस्तान अफगानिस्तान को परिवहन का पूरा अधिकार न देकर अपने नियंत्रण वाले बाजार (कैप्टिव मार्केट्स) बनाने की नीति पर चल रहा है। वह भारत एवं अन्य देशों के उत्पादों को अफगानिस्तान जाने से रोक रहा है। वह एपीटीटीए के तहत किए गए अपने वादे से ही मुकर रहा है।’

पाक के प्रयासों पर भारत का कड़ा विरोध
वहीं, भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बनाने का भी जोरदार विरोध किया है। श्रीवास्तव ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ-साथ चीन के पास भी अपना पुरजोर विरोध दर्ज कराया है और कहा है कि अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र में ऐसी सभी परियोजनाएं गैर-कानूनी हैं। भारत ने दोनों देशों से साफ कहा है कि पाकिस्तान अपनी करतूतों को लेकर कानून की नजर में कहीं नहीं टिक पाएगा। श्रीवास्तव ने कहा कि बासा डैम बना तो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बड़े हिस्सा पानी से भर जाएगा। श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र की वास्तविक स्थिति बदलने की कोशिश कर रहा है जिसकी भारत ने कड़े शब्दों में निंदा की है।

मुशर्रफ का था आइडिया
ध्यान रहे कि जनरल परवेज मुशर्रफ ने 2006 में बासा डैम बनाने का फैसला किया था। फिर तत्कालीन प्रधानमंत्री शौकत अजीज ने 2007 में इस डैम की नींव रखी। फिर पीपल्स पार्टी की सरकार आई। तब कोहिस्तान और दियामर जिलों के बीच इस डैम के मालिकाना हक को लेकर विवाद छिड़ गया। दरअसल, बासा में डैम का निर्माण हो रहा है जो कोहिस्तान का इलाका है जबकि इसमें पानी दियामर जिले से आता है। इसलिए, सरकार ने बासा डैम का नाम बदलकर दियामर बासा डैम कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *