‘मत कहिए कि स्थिति कंट्रोल में है’
सोनी राजदान ने ट्विटर पर बाताया कि उनकी एक दोस्त की मां कोरोना पॉजिटिव हैं। इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट होना था, लेकिन कई अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद भी जगह नहीं मिली। उन्होंने बीएमसी और महाराष्ट्र सरकार को निशाने पर लेते हुए लिखा कि जब तक अस्पताल में बेड और लोगों को जरूरी दवाई नहीं मिल जाती, तब तक यह ना बताएं कि स्थिति नियंत्रण में है।
‘लगाने पड़े 7 अस्पतालों के चक्कर’
वह लिखती हैं, ‘मेरे दोस्त की मां को अस्पताल में बेड नहीं मिला। 7 अस्पताल के चक्कर लगाने के बाद एक अस्पताल में एडमिट किया गया। Remdesivir जैसी जरूरी दवाई भी नहीं मिल रही है। जब तक सभी नागरिकों को अस्पताल में बेड और जरूरी दवाई नहीं मिल जाए तब तक यह बताने की कोशिश ना करें कि स्थिति काबू में है।’
‘आप ऐसे दावे कैसे कर सकते हैं?’
एक अन्य ट्वीट में सोनी राजदान ने बीएमसी और उद्धव सरकार को टैग करते हुए लिखा है, ‘यह तब हो रहा है जब बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं। आप ऐसे दावे कैसे कर सकते हैं? क्या आपको एहसास नहीं है कि लोग किस दर्द से गुजर रहे हैं।’
एक यूजर ने सुनाया अपना अनुभव
बहरहाल, सोनी राजदान के इन ट्वीट्स पर जनता भी अपनी परेशानी बता रही है। एक यूजर ने सोनी राजदान के ट्वीट के रिप्लाई में लिखा, ‘मैं पांच जुलाई की सुबह भूल नहीं सकता। अस्पताल में एडमिट करवाने के बाद हमें इंजेक्शन खरीदने में भी काफी मुश्किल हुई और उन इंजेक्शन के लिए हमने दस गुना ज्यादा पैसे दिए।’
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