लद्दाख: 'वे ढाई हजार थे और हम 300 फिर…'

नई दिल्ली
लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के धोखे की कहानी धीरे-धीरे सामने आ रही है। सोमवार की रात को चीनी सैनिकों से संघर्ष में घायल एक जवान ने अपने पिता को उस रात की कहानी बताई। जवान ने चीनी सैनिकों के धोखे और मक्कारी की बात फोन पर बताई। बता दें कि इस घटना में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के भी 40 जवान मारे गए थे।

भारत के 300 जवान vs चीन के 2500 जवान
चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में घायल जवान सुरेंद्र सिंह ने राजस्थान के अलवर में रहने वाले अपने पिता बलवंत सिंह को फोन उस रात की सारी कहानी बताई। एक निजी टीवी चैनल के अनुसार, जवान सुरेंद्र सिंह के पिता बलवंत ने कहा, ‘उस दिन मेरे पास 11-12 बजे रात अचानक फोन आया। मैंने पूछा कि कहां तो उसने बताया कि अस्पताल में हूं। लेह के आसपास कहीं हूं। मैं ठीकठाक हूं।’ जवान ने चीनी सैनिकों की मक्कारी पिता को बताई। जवान ने फोन पर कहा, ‘हम 300-400 जवान थे। चीनी सैनिक अचानक आ गए। वे 2000-2500 तक थे। उनके पास रॉड और डंडे थे। अचानक वे पत्थर चलाने लगे। हमारे पास हथियार नहीं था। मेरे सिर पर 10-12 टांके लगे हैं, हाथ-पांव में चोट लगी है।’

जवान की पत्नी ने बताई पति की बहादुरी
घायल जवान सुरेंद्र की पत्नी गुरप्रीत कौर ने अपने पति की बहादुरी की कहानी बताते हुए कहा कि उसने चीन के दो-तीन सैनिकों को मारा। उन्होंने बताया कि जवानों के पास कोई हथियार नहीं था, ये निहत्थे थे। बातचीत का माहौल था, बातचीत से मसले के हल की बात हो रही थी। तभी चीनी सैनिक हथियार के साथ आ गए।

भारत और चीन में चरम पर तनाव
बता दें कि सोमवार रात गलवान घाटी में चीन और भारतीय सैनिकों में जबरदस्त झड़प हुई थी। पिछले एक महीने से लद्दाख के कई इलाकों में चीन और भारत के सैनिक आमने-सामने हैं। चीन बातचीत के बाद भी लगातार अपने वादों से मुकर रहा है। गलवान घाटी में भी चीन बातचीत के बाद पीछे हटने को तैयार हो गया था लेकिन उसने भारतीय सैनिकों को धोखा दिया। यही नहीं, चीन इन इलाकों में बताचीत के दौरान भी लगातार सैनिकों और हथियारों की संख्या बढ़ाता रहा है।

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