भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी () ने कहा है कि उन्होंने इस लॉकडाउन में कोर्ट पर मैच खेलने को काफी मिस किया। इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की थी और बच्चे को जन्म देने के बाद वह फिट हो गई थीं। सानिया ने इसी साल जनवरी में कोर्ट पर वापसी की थी और होबार्ट इंटरनैशनल टूर्नमेंट का महिला युगल खिताब जीता था। इसके अलावा भारत को फेड कप में प्लेऑफ में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।
हालांकि उनकी वापसी इस कोरोनावायरस के कारण रुक सी गई क्योंकि टेनिस कैलेंडर को ही रोक दिया गया। 33 साल की सानिया ने कहा, ‘मैंने वापस खेलने के लिए, शेप में आने के लिए, फिट रहने के लिए साथ ही जीतने के लिए काफी मेहनत की थी। इसलिए जाहिर सी बात है कि मैं कोर्ट को मिस कर रही हूं। एक और चीज जो मैं मिस कर रही हूं वह है प्रतिस्पर्धा— मैचों में।’
सानिया को मार्च 2020 में इंडियन वेल्स में हिस्सा लेना था लेकिन यह टूर्नमेंट रद्द कर दिया गया। इस बीमारी के कारण पूरा खेल कैलेंडर रुक सा गया है और कई टूर्नमेंट्स या तो रद्द किए जा चुके हैं या स्थगित कर दिए गए हैं। ऐसे में सानिया ने कहा कि सभी को इस समय बड़ी तस्वीर की ओर देखना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘यह हम सभी के लिए मुश्किल समय है, लेकिन मुझे लगता कि हमारे पास बड़ी पिक्चर को देखने का समय है और उम्मीद है कि हम इस महामारी से बेहतर तरीके से बाहर निकलेंगे। सकारात्मक रहना और अच्छा सोचना शायद बाहर निकलने का तरीका है। स्वस्थ रहना और अपने परिवार तथा दोस्तों के साथ रहना इससे बाहर निकलने के लिए सबसे अहम है।’
तोक्यो ओलिंपिक-2020 को इसी बीमारी के कारण एक साल तक के लिए टाल दिया गया है। (IOC) और अंतरराष्ट्रीय पैरालिंपिक सिमित (IPC) ने एयरबीएनबी के साथ मिलकर पांच दिन का ऑनलाइन समर फेस्टीवल आयोजित करने का फैसला किया है, जहां 100 से ज्यादा ओलिंपियन और पैरालिंपियन अपना अनुभव साझा करेंगे। ओलिंपिक खेल इसी साल 24 जुलाई से होने थे और इसी दिन सानिया इस ऑनलाइन फेस्टीवल में शिरकत करेंगी। वह अपना वजन कम करने के सफर और मानसिक स्वास्थ्य पर बात करेंगी।
उन्होंने बताया, ‘मेरा अनुभव मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में रहेगा। मैं जब गर्भवती थी तब मैंने काफी सारा वजन बढ़ा लिया था, जो मैंने कम किया। मैंने काफी सारी शारीरिक मेहनत की और साथ ही मानसिक स्वास्थ्य्य पर काम किया। मुझे लगता है कि यह लोगों के लिए अच्छी बात है कि वह विश्व स्तर के खिलाड़ियों से उनका अनुभव साझा करेंगे। इस साल ओलिंपिक नहीं होने वाले हैं तो मुझे लगता है कि यह लोगों से जुड़ने का सही तरीका है। मैं कुछ एक्सरसाइज बताऊंगी जिनसे मुझे मदद मिली।’
सानिया ने कहा कि स्वस्थ और फिट रहना उन्हें स्वाभाविक रूप से मिला है और शारीरिक एक्सरसाइज उन्हें मुश्किल समय में भी सकारात्मक रहने में मदद करती हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह मेरे अंदर स्वस्थ रहना और फिट रहना स्वाभाविक रूप से ही है। लेकिन मुझे साथ ही लगता है कि उससे मुझे मानसिक तौर पर काफी मदद मिलती है। जब मैं दिन में एक घंटे शारीरिक मेहनत करती हूं तो इससे मुझे मुश्किल स्थिति में सकारात्मक रहने में मदद मिलती है।’