कोरोना महासंकट के बीच अनुसंधानकर्ताओं ने अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के 125 मरीजों की प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करने के बाद भिन्न किस्म की प्रतिरक्षा प्रोफाइल या ‘इम्युनोटाइप्स’ का पता लगाया है। उन्होंने बताया है कि इनका रोग की गंभीरता से संबंध है। इस अध्ययन से रोग के खिलाफ नयी चिकित्सा विकसित करने में मदद मिलेगी।
‘साइंस’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक यह पता नहीं चल पाया है कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों में प्रतिरक्षा प्रणाली के सामान्य रूप से काम नहीं करने संबंधी एक जैसी प्रोफाइल है या नहीं। अमेरिका के पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डिविज मैथ्यू ने कहा, ‘इन प्रोफाइलों के आधार पर हम यह पता लगाने का प्रयास कर सकते हैं कि किस तरह के मरीज के लिए कौन सा उपचार लाभदायक रहेगा।’
अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि दुनियाभर के वैज्ञानिक कोविड-19 से लड़ने में मानव की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली की विशेषताओं का पता लगाने में जुटे हैं। मैथ्यू और उनके सहयोगियों ने अभी तक मिले निष्कर्षों को विस्तार से समझने के लिए कोविड-19 के 125 रोगियों में दो स्तरों पर प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाओं का विश्लेषण किया। ऐसा मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के पहले सप्ताह में किया गया।
वैज्ञानिकों ने ‘फ्लो साइटोमेट्री’ नामक तकनीक का इस्तेमाल अपने अध्ययन में किया जिससे रोगी की प्रतिरक्षा कोशिकाओं का आकलन करने के लिहाज से कोशिकाओं के भौतिक और रासायनिक गुणों का पता लगाया जाता है।