कोरोना काल के से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था और जिला प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल जिले में एक आदमी, जिसे सांस की बीमारी थी, उसने की चौखट पर दम तोड़ गया। दवा दुकानदार ने उसकी मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन के आला अफसरों तक को फोन किया। लेकिन कोई सुध नहीं ली गई। कोरोना एंबुलेंस आई लेकिन अपना केस न बताकर मौके से चली गई। घटना भागलपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के दवा पट्टी की है।
मिली जानकारी के मुताबिक, दवा पट्टी में एक व्यक्ति सांस फूलने की बीमारी की दवा खरीदने मेडिकल स्टोर पर गया था। इसी क्रम में मेडिकल स्टोर पर ही उसकी मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार- दवा लेकर जैसे ही व्यक्ति ने दवा खाई, उसी क्षण दुकान की चौखट पर गिर पड़ा। घटना के बाद स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई। लेकिन किसी ने कोरोना संक्रमण के डर से उसे हाथ नहीं लगाया। थोड़ी देर बाद पुलिस आई लेकिन वह भी लाचार दिखी। एसएसपी को दुकानदार द्वारा सूचना देने पर एम्बुलेंस जरूर पहुंच गई लेकिन लाश देखते ही मौके से फरार हो गई। व्यक्ति की मौत कोरोना से हुई या अन्य वजहों से, जांच के बाद पता चलेगा। लेकिन सामाजिक सच्चाई में कोरोना के डर से कोई किसी की मदद करने के लिए तैयार नहीं है। लाश करीब चार घंटे तक मौके पर पड़ी रही। जो आता वो देखता और चला जाता।
करीब चार घंटे तक औंधे मुंह दुकान की चौखट पर पड़ा रहा शव
घटना के बारे में जानकारी देते हुए दवा दुकानदार ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति ने मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर वहीं खाई और जैसे ही जाने लगा वहीं चक्कर खाकर गिर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। घटना के बारे में तमाम अधिकारी और कोविड-19 से जुड़े अधिकारियों को दी गई, लेकिन किसी की मदद नहीं मिली। व्यक्ति का शव, दवा दुकान की चौखट पर करीब चार घंटे तक औंधे मुंह यूं ही पड़ा रहा।
स्थानीय पार्षद सह उप मेयर ने शव को अस्पताल पहुंचवाया
जब घटना का जानकारी स्थानीय पार्षद सह उप मेयर राजेश वर्मा को लगी तो वो मौके पर पहुंचे और पहल करते हुए शव को दुकान से हटवाकर अस्पताल पहुंचाया, जहां शव का कोविड 19 का सैंपल लेने के बाद पोस्टमार्टम किया जाएगा। इस सब के बीच नगर विधायक अजित शर्मा ने सूबे की सरकार को जमकर कोसते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट हो चुकी है। मंगल पांडेय के स्वास्थ्य मंत्री रहते इस तरह की अमंगल घटना वाकई में शर्मनाक है।