यूपी के असिस्टेंट टीचर केस की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर ने अपना पक्ष रखा गया। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। देश की शीर्ष अदालत ने अपनी टिप्पणी में ये भी कहा है कि इस पेपर में बीएड स्टूडेंट को शामिल होने से हमें नहीं लगता कि कोई ऐतराज जताना चाहिए। शिक्षामित्रों ने परीक्षा के दौरान कटअफ में बढ़ोतरी किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिक्षा मित्रों के लिए कटअफ 60 से 65 फीसदी किया जाना पहली नजर में ज्यादा लगता है।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील पीएस पटवालिया ने दलील दी कि परीक्षा के लिए आवेदन मांगा गया और फिर उसके बाद कटऑफ को बढ़ाया गया जो गलत है। साथ ही दलील दी गई कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में बीएड के स्टूडेंट को शामिल करना सही नहीं है क्योंकि उनको इसके लिए पात्रता नहीं थी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि बीएड स्टूडेंट ने छह महीने का ब्रिज कोर्स नहीं किया है। हालांकि इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बीएड के स्टूडेंट को शामिल होने पर ऐतराज नहीं होना चाहिए। याची की ओर से कहा गया कि उनका एक दशक का तजुर्बा है उन्हें तरजीह दी जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 जून को यूपी सरकार से कहा था कि वह सहायक टीचरों की भर्ती के दौरान 37 हजार पदों को फिलहाल न भरें। यूपी में 69 हजार असिस्टेंट टीचरों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। ऐसा अनुमान से बताया जा रहा है कि करीब 37 हजार शिक्षा मित्र हैं जिन्हें असिस्टेंट टीचर की परीक्षा में 40 से 45 फीसदी नंबर आए हैं। यूपी के 69 हजार असिस्टेंट टीचरों की भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। यूपी सरकार ने शिक्षकों भर्ती परीक्षा के बाद कट ऑफ तय किया था जिसे शिक्षा मित्रों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुनवाई गुरुवार को जारी रहेगी।