चीन और ताइवान के बीच साउथ चाइना सी को लेकर सैन्य टकराव गहराता जा रहा है। ड्रैगन ताइवान को भी अपना क्षेत्र मानता है। हालांकि, पिछले कुछ वक्त में चीन का आक्रामक रवैया तेज हो चुका है जिसे देखते हुए ताइवान ने अपने सालाना युद्धाभ्यास में इस बार पहले से ज्यादा डिफेंस तकनीकों का इस्तेमाल किया है। ताइवान 1984 से Han Kuang ड्रिल करता आ रहा है जिसका मंदारिन में मतलब है- खोया हुआ क्षेत्र वापस हासिल करना। ताइवान ने जहां पानी के रास्ते चीन से हमला होने की स्थिति से निपटने के लिए तामसुई नदी पर युद्धाभ्यास किया वहीं, चीन ने बोहाई खाड़ी के तट पर। खास बात यह है कि तामसुई और बोहाई के एक तट पर चीन है तो दूसरे पर ताइवान। ऐसे में भौगोलिक स्थिति के आधार पर दोनों का युद्धाभ्यास काफी मायने रखता है।
तामसुई नदी पर युद्धाभ्यास का महत्व काफी ज्यादा है। इस नदी के एक किनारे पर ताइवान है तो दूसरी ओर चीन। चीन के फाइटर जेट पिछले कुछ वक्त में ताइवान के काफी नजदीक आ चुके हैं। वहीं, चीन भी ईस्ट चाइना सी में बोहाई समुद्र के तट पर युद्धाभ्यास कर रहा है जहां से वह ताइवान पहुंच सकता है। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की थलसेना ने यहां अपने हथियारों के साथ कई ड्रिल कीं। इस दौरान एयर डिफेंस सिस्टम की प्रैक्टिस की गई। साथ ही रडार से उपकरण न जाम हों, इस क्षमता को बेहतर बनाने की कोशिश भी की गई। (Source: Global Times)
गुवांडू एरिया कमांड ने मंगलवार दोपहर को तामसुई नदी से दुश्मन के घुसने की स्थिति में कैसे निपटना है, सैन्य उपकरणों के साथ इसका युद्धाभ्यास किया। यह कमांड तामसुई नदी की सिक्यॉरिटी का जिम्मेदार है और राजनीतिक और आर्थिक केंद्र ताइपेई की सुरक्षा संभालता है। सेना के मुताबिक हमले की स्थिति में सेना तामसुई से 9 किमी दूर स्थित गुवांडू पुल को उड़ाया जा सकता है और उसके मलबे से दुश्मन को दाखिल होने से रोका जा सकता है। मिलिट्री न्यूज एजेंसी के मुताबिक ताइवान के गुवांडू एरिया कमांड ने नदी से दुश्मन के दाखिल होने की स्थिति से निपटने के लिए युद्धाभ्यास किया।
एरिया कमांड ने हमले की जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस और सिविल डिफेंस टीमों के साथ मिलकर दुश्मन को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की। इसके लिए रास्ते में रुकावटें बनाई गईं और दुश्मन बल पर गोलीबारी के इस्तेमाल की प्रैक्टिस की गई। इस दौरान पानी और हवा, दोनों से दुश्मन पर नजर रखी गई। दुश्मन के फायरिंग रेंज में दाखिल होते ही पहली पंक्ति के सुरक्षाबल ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इसी दौरान CM-11 टैंकों और दूसरे वीइकल्स ने दुश्मन को आगे बढ़ने से रोका।
इससे पहले सोमवार को ताइचुंग और कॉशिउंग एयरबेस पर हुए युद्धाभ्यास में फाइटर जेट और दूसरे प्लेन ने हमले के हालात में सबसे पहले पूर्व की ओर उड़ान भरकर खुद को बचाने की प्रैक्टिस की। चीन के फुहियान प्रांत से मिसाइल हमला होने के हालात में सैन्यकर्मियों और उपकरणों को कैसे सुरक्षित स्थानों पर ले जाना है, इसकी प्रैक्टिस भी की जाएगी। इस दौरान देश की नौसेना अपने जहाजों और पनडुब्बियों को लेकर प्रशांत के तट पर बने बेस पर जाएगी ताकि चीन से सीधी जंग को टाला जा सके और अंतरराष्ट्रीय मदद मिलने तक अपनी रक्षा की जा सके।
ताइवान चीन के खिलाफ किसी भी तरह की स्थिति के लिए किस हद तक खुद को तैयार कर रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह देश की राष्ट्रपति को PLA के हाथों किडनैप होने की स्थिति से निपटने की प्रैक्टिस भी करेगा। इसके अलावा 10 साल में पहली बार लाइव टॉर्पीडो टेस्ट भी किया जाएगा। F-16V पानी और हवा में पट्रोल करेंगे। यही नहीं, एक ऐसी बटालियन भी युद्धाभ्यास का हिस्सा होगी जिसमें स्नाइपर और सैनिक होंगे जो मानवरहित एयरियल वीइकल्स और पोर्टबल मिसाइल लॉन्चर्स को ऑपरेट करेंगे।