कहानी: शकुंतला देवी का जन्म 4 नवंबर 1929 को बेंगलुरु में हुआ था। बगैर किसी फॉर्मल एजूकेशन के शकुंतला देवी की कैलकुलेशन की क्षमता अद्भुत थी और उनके इस हुनर को उनके पिता ने पहचान लिया। यूनिवर्सिटी में केवल 6 साल की उम्र में अपनी प्रतिभा दिखाने के बाद शकुंतला देवी केवल 15 साल की उम्र में अपने पिता के साथ लंदन चली गईं। यहां से जो शकुंतला देवी का सफर तय हुआ वो कभी रुका नहीं। उन्होंने पूरी दुनिया में अपनी कैलकुलेशन की क्षमता का लोहा मनवाया। शकुंतला देवी कैलकुलेशन उस दौर में बनने वाले कंप्यूटरों जैसी थी जो कुछ ही सेकंडों में बड़ी से बड़ी संख्या को कैलकुलेट कर लेती थीं। फिल्म में शकुंतला देवी की प्रतिभा और उनकी पर्सनल लाइफ को दिखाया गया है। देखें, ट्रेलर:
रिव्यू: फिल्म का ट्रेलर देखने से पता चलता है कि जैसे हर किसी बायॉपिक में कैरेक्टर को बहुत महान बनाकर पेश किया जाता है वैसा इसमें नहीं है। शायद शकुंतला देवी की पर्सनल लाइफ का ग्रे शेड और परफेक्ट मदर न होना फिल्म के प्रति डायरेक्टर की ईमानदारी को दिखाता है। हमेशा की तरह विद्या बालन अपने रोल में प्रॉमिसिंग दिख रही हैं और उनके हाव-भाव को देखकर लगता है कि फिल्म देखने में दर्शकों को काफी मजा आएगा। शकुंतला देवी की बेटी का किरदार निभा रही हैं जो अपनी मां से असंतुष्ट हैं लेकिन शायद विद्या बालन का डायलॉग ‘मैं कभी नहीं हारती Always remember that’ शायद कहीं शकुंतला देवी के ओवर कॉन्फिडेंस को भी दर्शाता है जिसके कारण वह अपनी जिंदगी में इंदिरा गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ीं और बुरी तरह हारीं।
शकुंतला देवी की बेटी के किरदार में सान्या मल्होत्रा ठीक-ठाक लग रही हैं और सरप्राइज पैकेज के तौर पर फिल्म में जिशु सेनगुप्ता और अमित साध हैं। डायरेक्टर अनु मेनन के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म पिछले काफी दिनों से चर्चा में है अब फाइनली यह 31 जुलाई को ऐमजॉन प्राइम पर ऑनलाइन रिलीज होने जा रही है।
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