लद्दाख में पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत को घेरने में जुटा चीन अब अरबों डॉलर के हथियार की मदद से पूरी पाकिस्तानी नौसेना का रंग रूप ही बदलने जा रहा है। चीन पाकिस्तान के ग्वादर में विशाल नौसैनिक अड्डा बना रहा है। यही नहीं चीन अब भारत के मित्र देश रहे ईरान पर भी डोरे डाल रहा है जहां भारत ने चाबहार पोर्ट का विकास किया है। आइए जानते हैं कि क्या है भारत के खिलाफ चीन का नापाक मंसूबा….
भारत के धुर विरोधी पाकिस्तान की नौसेना को आधुनिक बनाने के लिए चीन ने अपने हथियारों का जखीरा खोल दिया है। पाकिस्तान ने चीन से युआन क्लास की 7 डीजल-इलेक्ट्रिक से चलने वाली सबमरीन के लिए करार किया है। ये सबमरीन एयर इंडिपेंडेंट प्रपॉल्शन से लैस हैं और लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती हैं। इसके अलावा चीन पाकिस्तान को टाइप-054A श्रेणी के बहुउद्देश्यीय स्टील्थ फ्रीगेट्स दे रहा है जो रेडार को चकमा देने में सक्षम हैं। इसके अलावा चीन कई अन्य हथियार पाकिस्तानी नौसेना को दे रहा है। इसके लिए पाकिस्तान ने चीन के साथ 7 अरब डॉलर की डील की थी। पाकिस्तान अब अपना 70 फीसदी हथियार चीन से खरीद रहा है।
पाकिस्तान की नौसेना के पास इस समय केवल नौ फ्रीगेट्स, पांच सबमरीन और 10 मिसाइल बोट तथा तीन माइनस्वीपर हैं। चीन से मिल रहे युद्धपोत से पाकिस्तानी नौसेना बेहद घातक हो जाएगी। ये युद्धपोत 4000 समुद्री मील तक हमला कर सकते हैं और इन पर जमीन से हवा और सबमरीन रोधी मिसाइलें लगी हुई हैं। पाकिस्तान को ये हथियार 2021-23 के बीच मिल जाएंगे। पाकिस्तान को मिलने वाली चीनी युआन क्लास की पनडुब्बी दुनिया में सबसे शांत मानी जाने वाली पनडुब्बियों में से एक है। इन 8 में से 4 वर्ष 2023 पाकिस्तान को मिल जाएंगी।
चीन अब पाकिस्तान के सहारे हिंद महासागर में पैठ जमाने की कोशिश करता दिख रहा है। पाकिस्तान के ग्वादर में चीन के नेवल बेस के संकेत मिले हैं और माना जा रहा है कि इस बेस के बनने से हिंद महासागर में चीन की मजबूती बढ़ जाएगी। हालिया सैटलाइट तस्वीरों से पता चला है कि पिछले कुछ सालों में यहां कई नए कॉम्प्लेक्स बने हैं। इनमें से एक पोर्ट डिवेलपमेंट करने वाली एक चीनी कंपनी है जहां सिक्यॉरिटी कुछ ज्यादा ही है। पाकिस्तान के पश्चिमी तट पर स्थित ग्वादर चीन की बेल्ट ऐंड रोड योजना का अहम हिस्सा माना जा रहा है। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां ऐंटी-वीइकल रास्ते, सिक्यॉरिटी फेंसिंग और ऊंची दीवारें खड़ी की गई हैं। पोस्ट और गार्ड टावर फेंसिंग और अंदर की दीवार के बीच बने हुए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यहां हथियार बंद गार्ड्स तैनात हैं। इस कंपाउंड के नजदीक इमारतों की दो लाइनें भी हैं। इनकी छतें नीली होने के कारण अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह चीन के मरीन कॉर्प्स के बैरक हो सकते हैं।
लद्दाख में भारतीय जमीन पर कब्जा करने की फिराक में लगा चीन अब भारत को उसके घर हिंद महासागर में घेरने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए चीन दोतरफा अभियान चलाए हुए है। एक तरफ चीन जिबूती, ग्वादर और मालदीव में नेवल बेस बनाने की तैयारी कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ वह भारत के शत्रु पाकिस्तान को आधुनिक हथियार देकर उसे ताकतवर बना रहा है। नेवल बेस बनाने से चीन को अपने सैन्य साजोसामान को तत्काल किसी भी जगह भेजने में आसानी होगी। चीन की कोशिश है कि साउथ चाइना सी पर कब्जे के बाद दक्षिण एशिया पर अपना दबदबा कायम किया जाए। यही नहीं चीन बांग्लादेश और श्रीलंका को भी बड़े पैमाने पर हथियारों की सप्लाइ कर रहा है। चीन बांग्लादेश और म्यामांर में नेवल बेस का विकास कर रहा है।