को लेकर अमेरिका और चीन के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने दक्षिण चीन सागर पर चीन के लगभग सभी महत्वपूर्ण दावों को खारिज करने के बाद अब प्रतिबंधों की चेतावनी दी है। उधर, चीन ने भी अमेरिका पर पलटवार किया है और कहा कि वॉशिंगटन दक्षिण चीन सागर में ‘उपद्रवी’ की भूमिका निभा रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री के दक्षिण चीन सागर में चीन पर ‘साम्राज्य’ खड़ा करने के आरोप लगाने के बाद अमेरिका के पूर्वी एशियाई मामलों के शीर्ष राजनयिक ने चेतावनी दी है। ईस्ट एशिया के अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डेविड स्टिलवेल ने कहा कि अमेरिका ऐसे चीनी अधिकारियों और उद्योगों पर प्रतिबंध लगा सकता है जो दक्षिण चीन सागर में दादागीरी दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन इसी तरह की भाषा को समझता है।
चीन ने अमेरिकी विदेश मंत्री पर पलटवार किया
उधर, चीन ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो पर पलटवार किया है। चीन ने कहा कि केवल अमेरिका इस इलाके में शांति को खत्म कर रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘अमेरिका इस क्षेत्र में एकमात्र उपद्रवी और शांति तथा स्थिरता में बाधा डालने वाला है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे स्पष्ट रूप से देख रहा है।’ लिजिन झाओ ने कहा कि चीन ने कभी भी दक्षिण चीन सागर में ‘साम्राज्य’ बनाने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि चीन के दावे के पीछे ऐतिहासिक साक्ष्य और कानूनी आधार हैं।
‘अमेरिका अपने दक्षिण पूर्व एशियाई सहयोगियों के साथ’
इससे पहले सोमवार को अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी बयान में विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि अमेरिका चीन के अंतरराष्ट्रीय मान्यता वाले समुद्री क्षेत्र के अतिरिक्त अन्य सभी समुद्री दावों को अवैध मानता है। माइक पोम्पियो ने कहा, ‘दुनिया चीन को साउथ चाइना सी को बीजिंग के समुद्री साम्राज्य के रूप में व्यवहार करने की स्वीकृति नहीं देगी। अमेरिका अपने दक्षिण पूर्व एशियाई सहयोगियों और भागीदारों के साथ तटीय इलाकों में प्राकृतिक संसाधनों के अधिकार की रक्षा के लिए और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उनके अधिकारों और दायित्वों के साथ खड़ा है।’
माना जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन ने यह फैसला साउथ चाइना सी में पड़ोसी देशों के प्रति चीन की बढ़ती आक्रामकता पर लगाम लगाने और अंतरराष्ट्रीय कानून को मान्यता देने के लिए उठाया है। अमेरिकी प्रशासन के इस कदम के बाद दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण चल रहे संबंधों के और ज्यादा खराब होने की आशंका बढ़ गई है। चीन अमेरिकी प्रतिबंधों का विभिन्न तरीकों से पलटवार करने में लगा हुआ है।