उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक अजीब मामला सामने आया है। यहां शादी का मंडप सजा, बारात आई, द्वारचार हुआ और फेरे हुए। मेहमानों ने दावत भी उड़ाई। सब कुछ सामान्य शादी जैसा था लेकिन सिर्फ एक बात अलग थी कि इस शादी में दूल्हा तो था लेकिन दुलहन नहीं थी। दुलहन की जगह दूल्हे ने पुतले से सात फेरे लिए।
यह हुई जिले से 30 किलोमीटर दूर भैदपुर गांव में। युवक की पुतले से शादी कराने की वजह भी अनोखी है। रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी शिव मोहन पाल (90) ने खुद अपने 32 साल के बेटे पंचराज की शादी पुतले से कराई।
पंचराज को छोड़ सारे भाई-बहनों ने की पढ़ाई
शिवमोहन पाल ने बताया कि उनके 9 बच्चे हैं। 8 बच्चों की शादियां हो चुकी है। उनके बच्चे हैं। उनका सबसे छोटा बेटा पंचराज अविवाहित है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने सारे बच्चों को पढ़ाया-लिखाया क्योंकि वह खुद शिक्षित हैं। सारे बच्चों ने पढ़ाई की लेकिन पंचराज नहीं पढ़ सका।
पंचराज दिमागी तौर पर थोड़ा कमजोर भी है। सारे बच्चों के पास रोजगार है। उनका परिवार है। पंचराज ने शादी की जिद की। शिवमोहन ने उसके लिए लड़की ढूंढना शुरू किया। काफी कोशिशों के बाद भी उसके लिए लड़की नहीं मिली।
अशिक्षित और बेरोजगार बेटे के लिए नहीं मिली लड़की
उसके पास संपत्ती न होने और उसके बेरोजगार होने के कारण कोई परिवार उसे अपनी बेटी देने को राजी नहीं हुआ। कहीं परिवारवाले राजी भी हुए तो लड़की ने खुद उससे शादी करने से इनकार कर दिया।
पुतले के साथ करवाए फेरे
बेटे की शादी की जिद पर शिव मोहन ने उससे कहा, ‘तुमसे तो कोई पुतला ही शादी कर सकता है।’ इस बात पर उनका अशिक्षित बेटा राजी हो गया। शिव मोहन ने उसे सबक सिखाने की सोची। उसकी शादी का आयोजन किया। मेहमान आए। सब कुछ सामान्य शादी जैसा इंतजाम किया गया लेकिन दुलहन की जगह पंचराज के फेरे पुतले से कराए गए।