हॉन्ग कॉन्ग को लेकर आक्रामक तेवर दिखा रहे चीन को सबक सिखाने के लिए ब्रिटेन ने बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। रायल नेवी के सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ को पूरे फ्लीट के साथ के नजदीक तैनात करने की योजना बना रहा है। यह एयरक्राफ्ट कैरियर साउथ चाइना सी में जारी तनाव के बीच अमेरिका और जापान की सेना के साथ इस इलाके में बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास करेगा।
ब्रिटिश बेड़े में शामिल हैं ये जंगी हथियार
इस स्टाइकर समूह में एफ-35बी लाइटनिंग फाइटर जेट के दो स्क्वाड्रन, स्टेल्थ लड़ाकू विमान, दो टाइप 45 श्रेणी के डिस्ट्रॉयर, दो टाइप 23 फिग्रेट, दो टैंकर और हेलिकॉप्टर्स का बेड़ा शामिल है। माना जा रहा है कि इसके चीन के नजदीक युद्धाभ्यास करने से दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा सकता है। वहीं, चर्चा है कि इस युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया और कनाडा को भी आमंत्रित किया जा सकता है। इन दोनों देशों से भी चीन के संबंध निचले स्तर पर हैं।
चीन से निपटने के लिए ब्रिटेन एशिया में भेज रहा सैनिक
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के खतरे से निपटने लिए अमेरिका का करीबी सहयोगी ब्रिटेन भी एशिया में अपने सैनिक भेज रहा है। ब्रिटेन की सेना का मानना है कि एशियाई सहयोगी देशों के साथ नजदीकी संबंध रखकर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल करके और स्वेज नहर के पास और ज्यादा सैनिक तैनात करके चीन पर नकेल कसा जा सकता है। इसके लिए ब्रिटेन के तीनों ही सेनाओं के प्रमुख मंत्रियों से मिले थे। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस के खात्मे के बाद दुनिया में आर्थिक संकट, विवाद और लड़ाई बढ़ जाएगी।
रॉयल नेवी की तैनाती करेगा ब्रिटेन
ब्रिटेन के सेना प्रमुखों की बैठक में चीन के खतरे पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई। ब्रिटेन में चीन के साथ संबंधों को नए सिरे से पारिभाषित करने पर जोर दिया जा जा रहा है। इसके अलावा ताइवान के साथ संबंध को मजबूत करने जोर दिया जाएगा। इसके लिए ब्रिटेन दक्षिण कोरिया और जापान के साथ संबंध को और ज्यादा मजबूत करेगा। ब्रिटेन की रॉयल नेवी ने ऐलान किया है कि वह स्थायी रूप से स्वेज नहर के पूर्व में कुछ हजार कमांडो हमेशा के लिए तैनात कर रही है। इन्हें संकट के समय कभी भी तैनात किया जा सकेगा। बता दें कि स्वेज नहर दुनिया का सबसे व्यस्त मार्ग है और चीन का बड़े पैमाने पर सामान इसी रास्ते से यूरोप जाता है।
ब्रिटेन ने चीनी टेक कंपनी Huawei को किया बैन
हॉन्ग कॉन्ग को लेकर जारी तनाव के बीच ब्रिटेन ने चीनी कंपनी हुवावे को 5जी नेटवर्क बनाने को लेकर बैन कर दिया है। ब्रिटिश सरकार ने टेलिकॉम कंपनियों को आदेश दिया है कि वे 2027 तक 5जी नेटवर्क से हुवावे के सभी उपकरणों को हटा दें। इससे पहले अमेरिका ने भी हुवावे के सभी उपकरणों को प्रतिबंधित किया था। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की अध्यक्षता में हुई नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग के बाद फैसला लिया गया कि देश में 5जी नेटवर्क के निर्माण में चीनी कंपनी की भागीदारी को खत्म किया जाएगा।
हुवावे को लेकर ब्रिटेन पर दबाव बना रहा था चीन!
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने जून महीने के शुरुआत में दावा किया था कि चीन लंदन स्थित एचएसबीसी बैंक के जरि ब्रिटेन पर अपनी परियोजनाओं के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। पोम्पियो ने कहा था कि चीन ने ब्रिटेन के बैंक द हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एचएसबीसी) को कथित तौर पर दंडित करने की धमकी दी है। उसने कहा है कि अगर ब्रिटेन हुवेई को उसका 5जी नेटवर्क बनाने की अनुमति नहीं देगा तो वह भी ब्रिटेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण का अपना वादा तोड़ देगा।