(gary kirsten) को भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ कोचों में गिना जाता है। उन्हीं के कोचिंग कार्यकाल के दौरान भारत साल 2009 में आईसीसी की नंबर वन टेस्ट टीम बना, और साल 2011 का विश्व कप भी जीता। वह सचिन तेंडुलकर (sachin tendulkar) जैसे बड़े सितारे और (virat kohli) जैसे युवा खिलाड़ियों के बीच तालमेल बैठा पाए। साउथ अफ्रीका के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने बताया कि उन्होंने कोहली में काफी संभावनाएं देखी थीं। हालांकि वह यह भी जानते थे कि कोहली ‘अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर नहीं खेल रहे हैं।’
रौनक कपूर के शो में टीम इंडिया के इस पूर्व कोच ने श्रीलंका के खिलाफ उस मैच को याद किया जहां कोहली ने अच्छी शुरुआत के बाद एक बड़ा शॉट मारने के चक्कर में अपना विकेट गंवा दिया था।
क्रर्स्टन ने याद किया कि उन्होंने कोहली को सलाह दी थी कि अगर उन्हें अपने खेल को अगले स्तर पर ले जाना है तो उन्हें अपने खेल में रिस्क कम करना होगा।
उन्होंने कहा, ‘जब मैं पहली बार कोहली को मिला तो मैंने उनमें बहुत अधिक संभावनाएं और प्रतिभा देखीं। उस समय वह काफी युवा थे। लेकिन मैं फौरन यह समझ गया कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। तो हमारी कई बार इस विषय पर बात हुई।’
उन्होंने कहा, ‘मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा जब हम श्रीलंका के के खिलाफ वनडे सीरीज खेल रहे थे और वह 30 के करीब रन बनाकर शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे। तभी उन्होंने गेंद को लॉन्ग ऑन फील्डर के ऊपर से छक्का मारने की कोशिश की और वह आउट हो गए।’
क्रर्स्टन ने कहा, ‘मैंने उनसे कहा, ‘अगर तुम अपने क्रिकेट को अगले स्तर पर ले जाना चाहते हो तो तुम्हें उस गेंद को जमीन के साथ-साथ लॉन्ग ऑन पर एक रन के लिए मारना चाहिए था। तुम जानते हो कि तुम कई गेंदों को हवा में मार सकते हो लेकिन इसके साथ एक रिस्क भी होता है।” उन्होंने कहा कि मुझे लगा है कि कोहली को वह बात समझ आई होगी तभी कोलकाता में अगले मैच में उन्होंने शतक जमाया।
कोहली के साथ अपने रिश्ते पर उन्होंने कहा, ‘हमारा रिश्ता तब शुरू हुआ जब कोहली एक युवा खिलाड़ी के रूप में टीम में आए थे। और हमारे बीच एक अनकहा सा संवाद था जिसमें मैं उनसे यह कहना चाहता था कि सुनो तुम जानते हो कि तुम्हारे अंदर बड़ा खिलाड़ी बनने की क्षमता है लेकिन तुम्हें अभी काफी लंबा सफर तय करना है।’