नेपाल के पीएम के राम जन्मभूमि को लेकर दिए बयान को (वीएचपी) ने दबाव में दिया गया बयान बताया है। के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि नेपाल पीएम का यह बयान गलत है और उनके अलावा इस पर कोई भी विश्वास नहीं करेगा।
वीएचपी कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि इतिहास के तीन स्रोत होते हैं– धार्मिक ग्रंथ, ऐतिहासिक ग्रंथ जिसमें यात्रावर्णन भी शामिल हैं और तीसरी जनसूक्ति। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में राम की जन्मभूमि कौन सी है , वे कहां के राजा थे, आज तक इस पर कोई दो मत नहीं हैं। पूरा विश्व ये स्वीकार करता है कि अयोध्या ही राम का जन्मस्थान था वे यहीं के राजा थे।
VHP चीफ ने आगे कहा कि नेपाल पीएम का यह बयान दबाव में दिया गया है। ये बयान गलत है। उनके अलावा इस पर कोई भी विश्वास नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हम साफ करना चाहते हैं कि भारत और नेपाल के हिंदुओं के बीच जो संबंध हैं वह भगवान राम और भगवान शिव पर आधारित हैं, कोई उन संबंधों को कमजोर नहीं कर सकता। हमारे संबंध मजबूत हैं। उन्होंने बताया कि विश्व हिंदू परिषद का काम जिस तरह भारत में चल रहा है उसी तरह नेपाल भी अच्छा काम चल रहा है। हम उन संबंधों को मजबूत करते रहेंगे।
नेपाल पीएम ने यह भी कहा कि अगर अयोध्या भारत में होता तो शादी करने इतनी दूर जनकपुरी क्यों आते? इस पर वीएचपी कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि ये बेतुकी बात है। शंकराचार्य अकेले 16 साल की उम्र में बिना सेना के, बिना वाहन के अगर देश के चारों कोनों में जा सकते हैं, अगर गुरुनानक पैदल चलते हुए मक्का जा सकते हैं तो राम जनकपुरी क्यों नहीं जा सकते। अब भी हर साल राम की बारात अयोध्या से जनकपुरी जाती है और पांच साल में एक बार भव्य कार्यक्रम होता है। जनकपुरी में तीन दिन तक रामजी के विवाह का कार्यक्रम होता है जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं।