पायलट के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि यदि गहलोत के पास बहुमत था तो उन्हें होटल में बाड़ाबंदी करके रखने की क्या जरूर आन पड़ी। उधर, कांग्रेस विधायक दल ने सोमवार को यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया और सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था जताई। मुख्यमंत्री गहलोत के सरकारी निवास पर विधायक दल की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में कांग्रेस तथा उसके समर्थक निर्दलीय एवं अन्य विधायक मौजूद थे।
गहलोत गुट का दावा, 106 विधायक उनके साथ
पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि कुल मिलाकर 106 विधायक इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए। उप मुख्यमंत्री तथा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट की ओर से बागी तेवर अपना लिए जाने के मद्देनजर यह महत्वपूर्ण बैठक थी जिसमें विधायकों ने सरकार विरोधी व पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की चाहे वे पदाधिकारी हों या विधायक दल के सदस्य। उप मुख्यमंत्री पायलट और उनके करीबी माने जाने वाले विधायक इस बैठक में शामिल नहीं हुए।
दिल्ली रोड पर एक रिसोर्ट में बाड़ाबंदी
दोपहर में मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक के बाद विधायकों को बसों से दिल्ली रोड पर एक निजी होटल में ले जाया गया। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मौजूदा संकट निपटने तक संभवत: ये विधायक वहीं रुकेंगे। उधर, इस बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है, ‘ कांग्रेस विधायक दल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था और भरोसा व्यक्त करता है। यह बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में सर्वसम्मति से समर्थन व्यक्त करती है।’ इसके साथ ही इस प्रस्ताव में कांग्रेस पार्टी व राज्य में कांग्रेस सरकार को कमजोर करने वाले सभी अलोकतांत्रिक तत्वों की निंदा करते हुए कहा गया है कि अगर कोई पार्टी पदाधिकारी या विधायक इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।