कांग्रेस के दो बागी विधायकों राकेश सिंह और अदिति सिंह की सदस्यता बरकरार रहेगी। कांग्रेस ने दोनों की विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने की याचिका विधानसभा अध्यक्ष के यहां लगाई थी। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सोमवार को दोनों विधायकों के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को बलहीन बताते हुए उन्हें खारिज कर दिया।
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों दोनों याचिकाओं पर विस्तार से सुनवाई की थी जिस पर दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे थे। सुनवाई के बाद अध्यक्ष ने दोनों याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। राकेश सिंह रायबरेली की हरचंदपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर और अदिति सिंह रायबरेली सदर सीट से कंग्रेस के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे। अदिति सिंह और राकेश सिंह की विधानसभा अध्यक्षता रद्द किए जाने को लेकर कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष के यहां याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इस पर अध्यक्ष यहां दोनों पक्षों की सुनवाई कर रहे थे।
हाई कोर्ट में भी याचिका
पिछले दिनों कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा (मोना) ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी याचिका दाखिल की थी। याचिका में कांग्रेस ने तर्क दिया था कि अदिति सिंह और राकेश 2017 में कांग्रेस के टिकट कर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। आरोप था कि बाद में दोनों ने पार्टी विरोधी गतिविधियां शुरू कर दी। इसके लिए दोनों की सदस्यता समाप्त किए जाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) के समक्ष याचिका दाखिल की गई है। कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले की नजीर है कि सदस्यता समाप्त करने वाली अर्जियां तीन हफ्ते में निस्तारित की जाएं, लेकिन अध्यक्ष ने तीन महीने बाद भी उनकी याचिका पर कोई फैसला नहीं लिया। कांग्रेस ने कोर्ट ने मांग की थी कि अध्यक्ष को आदेश दिया जाए कि याची (आराधना मिश्रा) की अर्जियां शीध्र निस्तारित की जाएं। इस पर हाई कोर्ट ने 16 जुलाई तक सदस्यता संबंधी याचिकाएं (अर्जियां) निस्तारित करने के निर्देश दिए थे।
हाई कोर्ट जाएगी कांग्रेस
दूसरी ओर, इस मामले में कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा (मोना) ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष का निर्णय सच्चाई से बहुत दूर है। हमारी तरफ से दिए गए साक्ष्य और नियमों की अनदेखी की गई है। हम इस मामले को हाई कोर्ट में ले जाएंगे।