रायपुर. दुर्ग जिले के निजी स्कूल संचालक अब बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के बदले फीस नहीं मांग पाएंगे। सरकार जबतक स्कूल खोलने का आदेश जारी नहीं कर देती तब तक स्कूल किसी भी पालक के मोबाइल पर मैसेज भेज कर फीस का तकादा भी नहीं कर पाएंगे। जिला शिक्षा विभाग ने स्पष्ट तौर पर कहा दिया है कि स्कूल बंद रहने तक पालकों को फीस के लिए किसी भी माध्यम से परेशान नहीं किया जा सकता। यदि कोई स्कूल ऑनलाइन पढ़ाने के बदले शुल्क की डिमांड करता है तो इसकी शिकायत डीईओ कार्यालय में की जा सकती है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई
दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग को पालक लगातार शिकायत कर रहे थे कि स्कूल संचालक बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के बदले फीस देने का दबाव बना रहे हैं। इसके बाद डीपीआई ने दुर्ग सहित सभी जिला शिक्षाधिकारी को फीस नहीं वसूलने का आदेश निकालने को कह दिया। डीईओ दुर्ग ने गुरुवार को यह आदेश सभी निजी स्कूलों को प्रेषित करते हुए साफ लहजे में कहा है कि यदि कोई स्कूल आदेश की अवहेलना करता है या पालकों को किसी भी और तरह से परेशान करता पाया जाता है तो शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई होगी।
लगातार होती रही शिकायत
फीस के लिए जबरन दबाव बनाने के मामले में डीईओ दुर्ग को लगातार शिकायत मिल रही थी। सीजी आजतक डॉट काम ने स्कूलों के इस रवैए के बारे में शिक्षा विभाग को अवगत कराया था। कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से पालक इन दिनों आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में स्कूलों ने बच्चों को ऑनलाइन ऐप के जरिए पढ़ाई के नाम पर फीस की डिमांड कर दी। आखिरकार अब विभाग ने पालकों को राहत देते हुए फीस पर रोक लगा दी है।