इंग्लैंड के कार्यवाहक कप्तान को वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में हार के बावजूद तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड को अंतिम एकादश से बाहर रखने के फैसले पर खेद नहीं है। इंग्लैंड को तीन मैचों की सीरीज के पहले मैच में चार विकेट से हार का सामना करना पड़ा। जर्मेन ब्लैकवुड की 95 रन की शानदार पारी से वेस्टइंडीज ने 200 रन का लक्ष्य हासिल करके सीरीज में 1-0 से बढ़त बनाई।
ब्रॉड को अंतिम एकादश में जगह नहीं दी गई थी जिस पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। ब्रॉड ने कहा था कि वह इस फैसले से ‘गुस्से में तथा हताश और निराश हैं।’ स्टोक्स ने कहा कि ब्रॉड की प्रतिक्रिया स्वाभाविक है। स्टोक्स ने बीबीसी स्पोर्ट से कहा, ‘स्टुअर्ट का इंटरव्यू शानदार था। जिस खिलाड़ी ने 100 से अधिक टेस्ट मैच खेले हों और ढेर सारे विकेट लिए हों उसकी तरह की भावना और खेलने की तीव्र इच्छा लाजवाब है।’
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ब्रॉड ने अभी तक 138 टेस्ट मैचों में 485 विकेट और 121 वनडे में 178 विकेट लिए हैं। स्टोक्स ने मार्च के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू होने पर पहले टेस्ट मैच के लिए टीम के चयन का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘जहां तक सिलेक्शन की बात है तो अगर हम इस पर खेद व्यक्त करते हैं तो इससे उन खिलाड़ियों के पास अच्छा संदेश नहीं जाएगा जो इस मैच में खेले थे। हमने वह फैसला किया जो इस खेल में आगे हमारे लिये फायदेमंद हो सकता है।’
स्टोक्स ने कहा, ‘आप फैसला करते हैं और आपको उन पर कायम रहना चाहिए। मैं इस तरह का इंसान नहीं हूं जो उन पर खेद व्यक्त करूं।’
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इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया जबकि पिच में तब काफी नमी थी। उसकी टीम पहली पारी में 204 रन पर आउट हो गयी। इसके बाद चौथे दिन भी वह एक समय अच्छी स्थिति में था लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाया।
स्टोक्स ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि हमने कहां गलतियां की। पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने के लिये आपको अच्छा प्रदर्शन करना होता है। यह मायने नहीं रखता कि परिस्थितियां कैसी हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हमने 60, 70 या 80 अधिक रन बनाए होते तो यह पूरी तरह से भिन्न मैच होता।’