पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली () को आधुनिक भारतीय टीम का शिल्पकार और जीत का सिकंदर माना जाता है। जब-जब सौरभ गांगुली की कप्तानी का जिक्र आता है तो 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता टेस्ट और 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स का फाइनल मैच जरूर याद किया जाता है। इन दोनों ही मैचों में भारत ने हारी हुई बाजी पलटकर जीत अपने नाम की थी। गांगुली मौजूदा समय में बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं और वह भारतीय क्रिकेट को और मजबूत बनाने में पूरे समर्पण के साथ अपना योगदान दे रहे हैं।
18 साल पहले आज ही लिखी लॉर्ड्स की कहानी
18 साल पहले यानी 13 जुलाई 2002 (India vs England 2002) को आज ही के दिन टीम इंडिया ने गांगुली के नेतृत्व में लॉर्ड्स की कहानी लिखी थी। क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले इस मैदान पर भारत ने मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ के फाइनल में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।
देखें- इस मैच के हाइलाइट्स
युवराज-कैफ बने थे जीत के हीरो
जीत के नायक थे दो युवा खिलाड़ी और मोहम्मद कैफ। कैफ के करियर की यह सबसे यादगार पारी है। 87 रनों की पारी से उन्होंने हार की ओर बढ़ रही टीम के सिर जीत का सेहरा बांधा था। भारत ने रोमांचक फाइनल में इंग्लैंड को 2 विकेट से हराया था। इस जीत के बाद दादा ने जर्सी उतारकर जश्न मनाया और यह भारतीय क्रिकेट के सबसे खास दृश्यों में एक है।
325 रनों का था लक्ष्यसौरभ गांगुली की अगुवाई में टीम इंडिया ने नेटवेस्ट ट्रोफी के फाइनल में इंग्लैंड को उसी धरती पर हराकर खिताब पर कब्जा जमाया था। लॉर्ड्स में मेजबान टीम ने भारत के सामने 325 रनों का स्कोर खड़ा किया था। उस दौर में यह लक्ष्य बहुत विशाल था। भारत ने 5 विकेट महज 146 रन पर खो दिए थे। बहुत से निराश दर्शकों ने टीवी बंद कर दिया। इसके बाद युवराज सिंह और ने शानदार बल्लेबाज कर टीम इंडिया को जीत दिलाई।
मोहम्मद कैफ बने थे मैन ऑफ द मैच
मोहम्मद कैफ ने इस यादगार मैच में नाबाद 87 रनों की पारी खेलकर भारत को इंग्लैंड पर ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। गांगुली, सहवाग, द्रविड़, तेंडुलकर और मोंगिया जैसे दिग्गज महज 146 रन पर आउट हो चुके थे। फिर बैटिंग करने उतरे मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह ने ताबड़तोड़ खेल दिखाया। युवी ने भी आउट होने से पहले 69 रनों की शानदार पारी खेली थी। इस जीत के हीरो मोहम्मद कैफ को करियर में पहली बार ‘मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से नवाजा गया।
एंड्रयू फ्लिंटॉफ को ‘दादा’ ने दिया जवाब
कहते हैं कि सौरभ गांगुली ने जर्सी उतारकर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को जवाब दिया था। उसी साल फ्लिंटॉफ ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत के खिलाफ वनडे मैच में मिली जीत के बाद अपनी टी-शर्ट को हवा में लहराया था। मुंबई में इंग्लैंड के मैच जीतने के बाद 3-3 से वह सीरीज बराबर हुई थी, जिसके बाद फ्लिंटाफ टी-शर्ट उतारकर मैदान पर घूमे थे। माना जाता है कि लॉर्ड्स पर गांगुली ने उसी आक्रामकता का जवाब देते हुए टी-शर्ट उतारी थी।
कैफ ने साल 2018 में आज ही के दिन लिया था संन्यासयह दिन कैफ के जीवन में भी यादगार पल है। उन्होंने साल 2018 में जब क्रिकेट से संन्यास का फैसला किया तो इसके ऐलान के लिए 13 जुलाई की तारीख ही चुनी। उन्होंने संन्यास का ऐलान करते हुए लिखा था, ‘नेटवेस्ट ट्रोफी में मिली जीत को 16 साल हो गए हैं और आज मैं संन्यास ले रहा हूं। मैं भारत के लिए खेलने का मौका दिए जाने के लिए बोर्ड का शुक्रगुजार हूं।’