कोविड 19 से होने वाली मौत के मामले में मृतक के परिजनों को मुआवजा दिए जाने के लिए गाइडलाइंस बनाए जाने की गुहार लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर भारत सरकार और देश के तमाम राज्यों को प्रतिवादी बनाया गया है और सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह मुआवजे के लिए गाइडलाइंस तैयार करे ताकि कोरोना से होने वाली मौत के मामले में मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। रोजाना लोग कोरोना के कारण मर रहे हैं। कई डॉक्टर, पैरा मैडिकल स्टाफ से लेकर हेल्थ केयर से जुड़े लोग कोरोना के शिकार हुए हैं और उनकी मौतें भी हुई है। साथ ही कोरोना के समय में रोजाना टैक्स करदाताओं का जीवन दांव पर लगा हुआ है। लोग कोरोना के समय लगातार अपनी ड्यूटी कर रहे हैं और जीवन खतरे में पड़ रहा है। समय की मांग है कि जिन नागरिकों की जिंदगी खतरे में पड़ती है उनको सरकार सेफगार्ड करे। अगर नौकरी और ड्यूटी के वक्त किसी की जान जाती है तो सरकार को चाहिए कि वह उनके परिजनों को मुआवजा दे।
याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कहा है कि कोविड 19 को डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आपदा घोषित किया गया है। देश के आम नागरिक रोजाना इससे मर रहे हैं। कई लोग ऐसे हैं जो ड्यूटी के दौरान मरें हैं। देश के बहुसंख्यक लोग गरीब हैं ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह मानवीय अप्रोच दिखाए और कोविड 19 की जबतक वैक्सीन नहीं आ जाती और जिनकी मौत कोविड के कारण हुई हो वैसे तमाम मामले में नागरिक को रिलीफ दिया जाए। कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजनों को सरकार मुआवजा दे। जो भी गरीब हैं और उनकी मौत हुई है तो उनको खासकर मुआवजा दिया जाए।
राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के सामने स्टेटस रिपोर्ट पेश करे कि कितने लोग कोविड के कारण मरे हैं और उन्हें मुआवजा देने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। अदालत से गुहार लगाई गई है कि जो हेल्थ केयर स्टाफ हैं या जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग हैं उन्हें बेहतर मुआवजा दिया जाए। सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह मुआवजा के लिए गाइडलाइंस तैयार करे।