पाकिस्तान पांच आतंकी सरगनाओं के बैंक अकाउंट वापस शुरू कर दिए हैं। इनमें मुंबई के 2008 हमलों के आरोपी का अकाउंट भी शामिल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमिटी की मंजूरी के बाद यह कदम उठाया गया है। पिछले महीने FATF ने पाकिस्तान को आतंक पर नकेल कस पाने में नाकामयाब रहने के लिए ग्रे लिस्ट में डालने का फैसला किया था। अब देखना होगा कि क्या FATF की अगली बैठक में UNSC और पाकिस्तान के इस कदम पर चर्चा होती है।
सईद के अलावा जमात-उद-दवा, लश्कर-ए-तैयबा के अब्दुल सलाम भुट्टवी, हाजी अशरफ, याह्या मुजाहिद और जफर इकबाल के बंद पड़े बैंक अकाउंट वापस शुरू कर दिए हैं। ये सभी UNSC की आतंकियों की लिस्ट में शामिल हैं और आतंकी फंडिंग के केस में 1-5 साल जेल की सजा काट रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक हर आतंकी ने UNSC से अपील की थी कि उसके बैंक अकाउंट खोल दिए जाएं ताकि उनके परिवारों का खर्च चल सके।
FATF की ग्रे लिस्ट में पाक
वहीं, पिछले महीने फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने फैसला किया था कि पाकिस्तान को फिलहाल ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा क्योंकि वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को पहुंचने वाली फंडिंग पर नकेल नहीं कस पाया है। FATF ने आतंकवाद को वित्तीय पोषण रोकने और मनी-लॉन्डरिंग के खिलाफ कदम उठाने को लेकर 27 बिंदुओं का ऐक्शन प्लान बनाया था और इसका पालन नहीं करने पर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में डाले जाने की भी आशंका थी लेकिन फिलहाल यह फैसला अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया।
अमेरिका ने भी ठहराया था दोषी
इससे पहले अमेरिका ने भी अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान को भारत, अफगानिस्तान और श्रीलंका में आतंकी हमले करने वाले संगठनों के पलने की जगह बताया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान ने जैश के संस्थापक और संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित किए जा चुके मसूद अजहर और 2008 के मुंबई धमाकों के ‘प्रॉजेक्ट मैनेजर’ साजिद मीर जैसे किसी आतंकी के खिलाफ ऐक्शन नहीं लिया। ये दोनों कथित रूप से पाकिस्तान में आजाद घूम रहे हैं।