कोरोना से जीत रही दिल्ली, 5 बातें दे रहीं सबूत

नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली कोरोना वायरस के जंग धीरे-धीरे ही सही लेकिन जीतती दिख रही है। टेस्टिंग बढ़ने से केस जरूर रोज 2 हजार से ज्यादा आ रहे हैं लेकिन 5 ऐसे साइन हैं जो बताते हैं कि स्थिति अब कंट्रोल में है। इसमें सुधरता रिकवरी रेट, घटता मृत्यु दर और संक्रमण दर शामिल है। इसके साथ ही होम आइसोलेशन में इस महीने एक भी मौत ना होना भी पॉजिटिव साइन ही है। इसके साथ ही भारत में 45 फीसदी मौतें पहले 48 घंटों में होती हैं, वहीं दिल्ली में यह प्रतिशत सिर्फ 15 है। दिल्ली में कोरोना केस भले एक लाख पार हो चुके हैं लेकिन एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 20 हजार से कम हो चुका है। अब दिल्ली में 19895 एक्टिव केस है।

दिल्ली में रिकवरी रेट बढ़कर 79 फीसदी
दिल्ली में रिकवरी रेट में सुधार होने का सिलसिला जारी है। शनिवार को ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 79.05 फीसदी हो गया। संक्रमण दर में भी कमी आई है और यह 9.09 से कम होकर 8.28 फीसदी हो गया है। कुल 110921 केसों में से 87692 लोग ठीक हो चुके हैं। फिलहाल बस 19895 केस ऐक्टिव हैं।

मृत्यु दर में भी कमी
राजधानी दिल्ली में मृत्यु दर भी कम हो रही है। शनिवार को कोरोना से 34 लोगों की मौत हुई है और मृत्यु दर 3 फीसदी है। 24 जून से 8 जुलाई के दौरान दिल्ली में कुल 691 मौतें हुईं है। पिछले कुछ दिनों में प्रतिदिन हो रही मौतों की संख्या में कमी आई है। जून के मध्य में हर रोज सबसे ज्यादा 101 मौतें हुई। पिछले एक पखवाड़े से मौतें घटकर एक दिन में करीब 46 हैं। मृत्यु दर 3.64 फीसदी से घटकर 3.02 प्रतिशत हो गई है।

जुलाई में अबतक होम आइसोलेशन वाले एक भी मरीज की मौत नहीं
दिल्ली में पिछले कई हफ्तों से जहां कोरोना मरीजों रिकवरी रेट में सुधार हो रहा है, वहीं अब संक्रमण की दर भी कम हो रही है। दिल्ली में मौतों का आंकड़ा भी अब कम हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को रिपोर्ट दी। इसमें बताया गया है कि दिल्ली में अब मृत्यु दर कम हो रही है। जुलाई के पहले हफ्ते में होम आइसोलेशन में कोई मौत नहीं हुई है। पिछले पखवाड़े में हुई कुल 691 मौतों में से केवल 7 मौतें होम आइसोलेशन (24 जून से 30 जून के बीच) में हुईं। होम आइसोलेशन में किसी भी मरीज की जुलाई में जान नहीं गई है। होम आइसोलेशन मरीजों को ऑक्सिमीटर देने का फैसला कारगर साबित हुआ है।

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दिल्ली सरकार के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि केंद्र सरकार की पॉल समिति के मुताबिक, भारत में 45 फीसदी मौतें पहले 48 घंटों के दौरान होती हैं। दिल्ली में यह आंकड़ा 15 फीसदी पर आ गया है।

शनिवार को 21508 सैंपलों की जांच की गई, इनमें 9767 आरटीपीसीआर टेस्ट और 11741 रैपिड एंटीजन टेस्ट हुए हैं। रिकवरी रेट बढ़ने यानी रोजाना ठीक होने वाले मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अब अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या कम हुई है। साथ ही होम आइसोलेशन में इलाज करवाने वालों की संख्या भी घटी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में बताया गया है कि कोविड अस्पतालों में 15253 बेड्स हैं, जिनमें से 10751 बेड्स अभी खाली है। कोविड अस्पतालों में 4502 मरीज भर्ती हैं और 11598 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे हैं। दिल्ली में अभी तक 7.68 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं। प्रति मिलियन के हिसाब से देखें तो दिल्ली पूरे देश में सबसे ज्यादा टेस्ट कर रही है। दिल्ली में प्रति मिलियन 40453 टेस्ट हो रहे हैं, जबकि दूसरे राज्य इससे कहीं पीछे हैं।

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