ब्लैकहोल को लेकर हमारे दिमाग में कई तरह के सवाल और डर होते हैं। ब्लैकहोल के अंदर उसके करीब आने वाला मैटर समा जाता है और इससे ब्लैकहोल का मास (द्रव्यमान) बढ़ता जाता है। इससे क्या ऐसी संभावना है कि ब्लैकहोल इतना विशाल हो जाए कि एक वक्त के बाद पूरे के पूरे ब्रह्मांड को ही निगल जाए? नैशनल साइंस फाउंडेशन प्रोग्राम के डायरेक्टर डॉ. जो पेसी ने एक ऑनलाइन सेशन के दौरान इस सवाल पर चर्चा की है।
विशाल ब्लैकहोल से कितना खतरा?
Space.com पर पूछे गए इस सवाल के जवाब में डॉ. जो ने बताया है कि ऐसा होने की कोई संभावना नहीं है कि ब्लैकहोल यूनिवर्स को निगल सकेगा। उन्होंने बताया है, ‘ब्लैहोल आमतौर णें इतनी धीमी गति से चीजें समाती हैं कि उनमें जुड़ने वाला मास उनके कुल मास का बहुत कम प्रतिशत होता है।’ उन्होंने आगे समझाया, ‘अगर कोई ब्लैकहोल सूरज के मास का 5 गुना बड़ा हो जो पास के सितारे से मैटर खींच रहा हो या उससे भी बड़ा सूरज से एक अरब गुना बड़ा ब्लैकहोल तो उसमें ऐसा होता है।’ उन्होंने कहा कि ब्लैकहोल के मास में होने वाले बदलाव को नापने के लिए कोई उपकरण नहीं है।
क्या ब्लैकहोल निगल जाएगा यूनिवर्स?
डॉ. जो ने यह भी बताया कि ब्रह्मांड का विस्तार लगातार हो रहा है और इस विस्तार की गति भी तेज होती जा रही है। इससे सभी ऑब्जेक्ट एक-दूसरे से और दूर होते जा रहे हैं। इसलिए पूरे ब्रह्मांड का ब्लैकहोल में समाना मुमकिन नहीं है। M87 गैलेक्सी में सबसे बड़े ब्लैकहोल में से एक है जिसका मास सूरज का 6.5 अरब गुना है। हालांकि, M87 में गैस, धूल, दूसरे सितारों और डार्क मैटर का मास ही सूरज के मुकाबले कई ट्रिलियन गुना है। इसलिए भले ही यह ब्लैकहोल खुद विशाल हो, इसके आसपास ज्यादा बड़ा मास मौजूद है।