अमेरिका ने चीन में रह रहे अपने नागरिकों को सावधान रहने को कहा है। दोनों देशों में बढ़ते तनाव के बीच उसका कहना है कि चीन में अमेरिकी लोगों को बेवजह हिरासत में लिए जाने का खतरा बढ़ गया है। स्टेट डिपार्टमेंट ने शनिवार को यह अलर्ट जारी किया है लेकिन यह नहीं बताया है किस वजह से ऐसा किया गया है। हाल ही में कोरोना वायरस को लेकर पैदा हुए तनावपूर्ण हालात, हॉन्ग-कॉन्ग, शिनजियांग में मुस्लिम आबादी के मानवाधिकार उल्लंघन और साउथ चाइना सी को लेकर और गहरा गए हैं।
चीन सरकार पर मेसेज पर नजर?
स्टेट डिपार्टमेंट के अलर्ट में कहा गया है, ‘स्टेट सिक्यॉरिटी को लेकर अमेरिका के नागरिकों से लंबी पूछताछ की जा सकती है और उन्हें हिरासत में रखा जा सकता है।’ इसमें बिना किसी घटना का जिक्र किया कहा गया है, ‘सुरक्षा अधिकारी चीनी सरकार की आलोचना वाले प्राइवेट इलेक्ट्रॉनिक मेसेज भेजने पर अमेरिका के नागरिकों को हिरासत में ले सकते हैं या डिपोर्ट कर सकते हैं।’ इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि पिछले कुछ महीने में दोनों देशों के बीच संबंध बुरी तरह से खराब हो गए थे।
ऑस्ट्रेलिया-कनाडा ने भी जारी किया अलर्ट
कुछ दिन पहले ही वॉशिंगटन ने चीन के उन अधिकारियों के वीजा पर बैन लगा दिया था जिन्होंने तिब्बत में विदेशों को जाने से रोका था। इसके जवाब में चीन ने ऐसे अमेरिकी नागरिकों की एंट्री पर रोक लगा दी थी जो तिब्बत के मुद्दों पर ‘हैरानी भरा’ बर्ताव कर रहे थे। कोरोना वायरस और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चीन के रवैये के चलते कई देश उसके खिलाफ हैं। अमेरिका से पहले ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने भी हिरासत में लिए जाने की आशंका जताते हुए ट्रैवल अलर्ट जारी किया है।
चीन में गिरफ्तार विदेशी नागरिक
अमेरिका के ताजा कदम पर फिलहाल चीन का बयान नहीं आया है लेकिन उसने बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के अलर्ट को बेकार और गलत बताया था। पिछले साल चीन ने ऑस्ट्रेसियाई-चीनी लेखक यान्ग हेंगजुन को हिरासत में लिया था जिनके ऊपर इस साल जासूसी का आरोप लगा है। चीन ने दो कनाडाई मूल के लोगों को भी गिरफ्तार किया था जब कनाडा के चीन की टेलिकम्यूनिकेशन कंपनी हुवावे के एक हाई-प्रोफाइळ एग्जिक्युटिव को गिरफ्तार कर लिया था।