कानपुर का बिकरू गांव विकास दुबे (Vikas Dubey Encounter) के खौफ से आजाद हो गया है। हालांकि, पुलिस के पास अभी भी विकास दुबे() की जिंदगी से जुड़े ढेरों सवाल हैं। सवाल यह कि विकास दुबे का ‘खजांची’ जय बाजपेई (Jai Bajpai Connection with Vikas Dubey) देखते ही देखते करोड़पति कैसे बन गया क्योंकि उसके बारे में कहा जाता है कि वह 2013 में एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था। इन सवालों से धीरे-धीरे पर्दा उठने लगा है। बताया जाता है कि जय बाजपेई समेत विकास दुबे के चार मैनेजर उसकी काली कमाई को वाइट मनी में तब्दील करते थे।
मामले की जांच कर रही एजेंसियों के सूत्रों ने बताया है कि बिकरू में हुई भयानक घटना से पहले इन मैनेजरों के पास तकरीबन 18 करोड़ रुपये थे, जो कि अब इनकी जेब में चले गए। कहा जाता है कि इन 18 करोड़ रुपये में से आधी रकम को ब्याज में बांटा गया था। इसका ब्याज लगभग 55 लाख रुपये आता था। इसकी आधी रकम विकास दुबे को भेजी जाती थी और बाकी की रकम से चारों मैनेजर अय्याशी करते थे।
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बाकी 9 करोड़ रुपये कहां लगाए?
कहा जाता है कि विकास दुबे का रहने का ढंग बहुत सामान्य लगता था लेकिन उसकी असल जिंदगी ऐशो आराम से लबरेज थी। 18 करोड़ रुपये में से बाकी की रकम फैक्ट्रियों और उद्यमियों को दी गई थी। यहां से हर महीने जो रकम आती थी, उसे विकास दुबे के पास पहुंचाया जाता था और यह काम विकास दुबे के खजांची करते थे।
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जय बाजपेई ने जमा किए थे 14 लाख रुपये!
नोटबंदी के वक्त विकास दुबे ने ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए कई लोगों का सहारा लिया। उसने वर्ष 2016 में 8 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच अपने बैंक अकाउंट्स में साढ़े तीन लाख रुपये जमा कराए। यही नहीं, उधर जय बाजपेई की पत्नी के बैंक अकाउंट्स से भी लाखों रुपये ट्रांसफर किए गए। जय बाजपेई ने नोटबंदी के दौरान 14 लाख रुपये वाइट कराए थे। हां, अब इस बात पर गौर किया जाए कि विकास दुबे ने नोटबंदी के दौरान किस अकाउंट में कितनी रकम डाली थी। कुख्यात विकास ने शिवली स्थित पंजाब नैशनल बैंक में 2 लाख रुपये एकबार डिपॉजिट किए, फिर डेढ़ लाख रुपये दूसरी बार जमा किए गए। कुल मिलाकर साढ़े तीन लाख रुपये अकाउंट में जमा हुए।
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सर्विलांस पर तकरीबन 2500 मोबाइल नंबर्स
इतना ही नहीं, विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब पुलिस उसकी मदद करने वाले हर शख्स की तलाश में जुट गई है। अधिकारी जहां एनकाउंटर के बाद तैयार कराए जा रहे दस्तावेजों की निगरानी में जुटे हैं, वहीं सर्विलांस पर रखे गए तकरीबन 2500 मोबाइल नंबरों पर भी उनकी नजर है। इन सबके इतर मुख्यमंत्री इस बात की जानकारी करना चाहते हैं कि कुख्यात, दुर्दांत विकास दुबे ने पूछताछ में क्या जानकारी दी है, कौन-कौन उसके संपर्क में था।