राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता विकास कृष्णा, नीरज गोयत और एशियाई खेलों में कांस्य पदक विजेता सतीश कुमार के द्वारा क्वॉरंटीन नियमों के कथित उल्लंघन की खबरों के बाद साई को जांच समिति का गठन करना पड़ा। विकास (69 किग्रा) और सतीश (91 से अधिक किग्रा भार वर्ग) तोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर चुके है। जांच समिति उन परिस्थितियों पर गौर करेगी जिसके कारण ये घटना हुई। वे जल्द ही जांच की को पेश करेंगे।
यह पता चला है कि एनआईएस के कार्यकारी निदेशक राज सिंह बिश्नोई की इस मामले में भूमिका संदेह के घेरे में हैं। साई के एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘समिति इस बात की गहन जांच करेगी कि इस तरह का उल्लंघन किस वजह से हुआ और यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश दिए गए कि इस तरह की घटना फिर से साई परिसर में दोहराई न जाए। एनआईएस के कार्यकारी निदेशक की भूमिका की भी जांच की जाएगी।’
साई ने एक अलग बयान में कहा कि इस प्रकरण में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। बयान के मुताबिक, ‘साई के सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति इस मामले की जांच करेगी और यदि कोई कर्मचारी या ऐथलीट किसी भी गलत काम के लिए दोषी पाया जाता है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।’ यह भी पता चला है कि क्वॉरंटीन के नियमों को तोड़ने वाले तीनों मुक्केबाजों ने शनिवार सुबह एनआईएस पटियाला परिसर को छोड़ दिया है। ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ करने वाले मुक्केबाजों के लिए दो सप्ताह बाद शिविर शुरू होने वाला है।
तोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर चुके सात अन्य मुक्केबाज इस समय क्वॉरंटीन में हैं और उनके कोविड-19 परीक्षण हो गए हैं जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है। साई भी इस बात को मानता है कि इन कथित रूप से उल्लंघन करने वाले खिलाड़ियों को परिसर में जाने की अनुमति टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही दी गयी थी। साई ने कोविड-19 संक्रमण की जोखिम को कम करने के लिए सख्त मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के साथ विभिन्न शिविरों को फिर से शुरू किया है। मुक्केबाज जब फिर से प्रशिक्षण शुरू करेंगे तो उन्हें रिंग में सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। बीएफआई को एक महीने के इंतजार के बाद शिविर को फिर से शुरू करने की अनुमति मिल रही है।