युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को न्यौता, भड़का चीन

पेइचिंग
हिंद महासागर में होने वाले मालाबार युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को न्यौता दिए जाने से चीन छटपटा रहा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत ने मालाबार युद्धाभ्यास में इस साल ऑस्ट्रेलिया को शामिल करने की योजना बनाई है जिसके पीछे रणनीतिक कारण हैं। अभी तक इस युद्धाभ्यास में भारत अमेरिका और जापान की नौसेना ही हिस्सा लेती रही हैं। इस साल ऐसा पहली बार होगा जब ऑस्ट्रेलिया की नौसेना भी इस युद्धाभ्यास में भाग लेगी।

1992 में शुरू हुआ था यह युद्धाभ्यास
की शुरुआत 1992 में अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय सैन्य डील के रूप में हुई थी। जापान इस युद्धाभ्यास में 2015 में शामिल हुआ था। इस अभ्यास को तीन देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा- चीन है निशाना
ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा कि चीन के साथ हालिया सीमा विवाद के बीच भारत दो कारणों से इस युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को शामिल कर रहा है। पहला, चीन पर इस युद्धाभ्यास के जरिए दबाव डालना है। जबकि, दूसरा- चीन के खिलाफ एक रणनीतिक गठबंधन को तैयार करना है। भारत की रणनीति पूरे हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करना है।

भारत पर विस्तारवादी होने का आरोप
चीनी सरकार के मुखपत्र ने दावा किया कि भारत इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका को पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय शक्तियों का समर्थन पाना चाहता है। मालाबार युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को बुलाना उसके समर्थन को पाने के लिए किया गया है। ऑस्ट्रेलिया की सहायता से भारत मलक्का जलडमरूमध्य में अधिक निगरानी बढ़ाना चाहता है। इससे दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में भारत का प्रभाव बढ़ेगा। बता दें कि इस रूट पर निगरानी कर भारत चीन के पनडुब्बियों और युद्धपोतों पर नजर रख सकता है।

ऑस्ट्रेलिया के साथ भी चीन के संबंध तनावपूर्ण
ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि भारत यदि ऑस्ट्रेलिया को आधिकारिक निमंत्रण भेजता है तो वह इसे जरूर स्वीकार करेगा। क्योंकि, ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच भी संबंध तनावपूर्ण हैं। हाल में ही ऑस्ट्रेलिया ने अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए एक लंबा-चौड़ा प्लान भी पेश किया है। जिससे प्रशांत महासागर क्षेत्र में उसकी सैन्य ताकत बढ़ेगी।

क्वॉड से घिरेगा चीन
मालाबार युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया के शामिल होने के बाद पहली बार अनौपचारिक रूप से बने क्वॉड ग्रुप (Quad group) को सैन्य मंच पर देखा जाएगा। इसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ जापान और अमेरिका शामिल हैं। अभी तक भारत ने ऑस्ट्रेलिया को इससे अलग रखा था लेकिन लद्दाख में सीमा पर चीन की हरकत को देखते हुए उसे भी बुलाने का प्लान है।

अभी तक सीमित था Quad
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले हफ्ते तक ऑस्ट्रेलिया को औपचारिक रूप से निमंत्रण के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। मालाबार पहले एक सीमित नौसैनिक युद्धाभ्यास हुआ करता था लेकिन अब इंडो-पैसिफिक रणनीति का अहम हिस्सा है। इसके तहत हिंद महासागर में चीन के बढ़ते कदमों को रोकना एक बड़ा लक्ष्य है। जापान इससे 2015 में जुड़ा था।

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