टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और सीनियर विकेटकीपर बल्लेबाज () को युवाओं के मेंटॉर के तौर पर भी जाना जाता है। धोनी युवा खिलाड़ियों में ऐसा कॉन्फिडेंस भर देते हैं कि खिलाड़ी सहजरूप से प्रेशर को पीछे छोड़ उम्दा परफॉर्मेंस करने लगते हैं। धोनी सालों से टीम इंडिया और चेन्नै सुपरकिंग्स के लिए यह काम कर रहे हैं। धोनी के साथ आईपीएल में चेन्नै सुपरकिंग्स की ओर से खेल चुके ( S. Badrinath) धोनी को थोड़ा और बेहतर समझते हैं।
बद्रीनाथ ने कहा कि अगर किसी खिलाड़ी में धोनी को क्षमता नजर आ गई तो फिर वह उसे खुद को साबित करने के लिए एक्स्ट्रा टाइम देते हैं। बद्रीनाथ ने अंग्रेजी दैनिक हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में बताया, ‘अगर किसी खिलाड़ी के टैलंट पर धोनी को विश्वास हो जाए तो वह उसे खुद को साबित करने का भरपूर मौका देते हैं। लेकिन अगर धोनी यह मान लें कि किसी खिलाड़ी में कुछ खास नहीं है तो फिर भगवान भी आकर धोनी को उसके पक्ष में बात करें तो भी उसका फायदा नहीं है।’
में आईपीएल खेलने वाले बद्रीनाथ ने कहा, ‘धोनी हमेशा यह महसूस करते हैं कि खिलाड़ियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है और ज्यादातर समय मेरी भूमिका यही होती थी कि मैं टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकालूं।’
उन्होंने बताया, ‘मेरी भूमिका मिडल ऑर्डर में थी। धोनी का सबसे मजबूत पक्ष यही था कि वह खिलाड़ियों को एक्स्ट्रा मौका देते हैं। अगर धोनी का लगता है कि बद्री अच्छा है, तो बस। बद्री वहां होगा। एक बार उन्हें भरोसा हो जाए कि यह सही है, तब वह प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ते हैं। वह कहते हैं, ‘मैं (धोनी) उसे मौका दूंगा, उसे खुद को साबित करने दो।’
बद्री ने बताया, ‘और अगर ऐसे ही धोनी को यह भरोसा हो गया कि आप उतने अच्छे नहीं हैं, तब भगवान भी आपकी मदद नहीं कर सकता। उनका अपना माइंडसेट है और वह उस पर ही भरोसा करते हैं, फिर चाहे जो हो।’ धोनी की कप्तानी की तारीफ करते हुए बद्रीनाथ ने कहा कि उनकी एक खासियत यह भी है कि टीम चाहे जीते या हारे। लेकिन वह टीम का माहौल एक सा बनाए रखते हैं।