चीन के ऊपर अपने पड़ोसियों को परेशान करने का आरोप काफी वक्त से लग रहा है। वहा साउथ चाइना सी में अपने कोस्ट गार्ड शिप्स को भेजकर टकराव को बढ़ावा दे रहा है। भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को लेकर जरूर पिछले दिनों ड्रैगन ने अपने तेवर नरम किए हैं। हालांकि, पिछले दिनों वियतनाम में उसने सर्वे करने के लिए जहाज भेज दिया। चीन की हालिया हरकतों से एक्सपर्ट्स आशंका जता रहे हैं कि वह दुनिया को अपना सामना करने की चुनौती दे रहा है।
वियतनाम को छेड़ने पहुंचा
हाल ही में चीन के हैनान प्रांत के पोर्ट सान्या से उसका कोस्ट गार्ड शिप 5402 निकला और स्प्रैटली टापू (Spratly Island) पर सूबी रीफ (Subi Reef) में चीन के बेस पर जा पहुंचा। इसके बाद वैनगार्ड बैंक के उत्तर से होते हुए वियतनाम के तट के 200 नौटिकल मील के अंदर से गुजरा और अब वहीं पट्रोल कर रहा है। एक वक्त पर वह वियतनाम के ऑइल रिग के 30 नौटिकल मील अंदर तक आ गया था। जानकारों का कहना है कि इसका कनेक्शन वियतनाम के एनर्जी के क्षेत्र में हो रहे कार्यों से हो सकता है।
यह है चीन की चाल?
अमेरिका के सीनियर पॉलिटिकल अनैलिस्ट और मरीन कॉर्प्स यूनिवर्सिटी में प्रफेसर ऐंड्रू स्कोबेल का कहना है कि कई शिप दूसरे दक्षिणपूर्वी देशों के जहाजों से कहीं ज्यादा बड़े हैं और डरावने लगते हैं। वे फिशिंग बोट से टकराते हैं और देखने में नेवी के जहाज लगते हैं। उनका कहना है कि यह दिखाता है कि चीन दक्षिण चीन सागर में अपना दावा मजबूत करना चाहता है और इसके लिए बिना तनाव को बुलावा दिए अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है। वह दबाव भी बना रहा है और उकसा भी रहा है लेकिन सार्वजनिक तौर पर शांति की बात कर रहा है। इससे पहले 30 जून को भी चीन ने Hai Yang Di Zhi 4 को वियतनाम के एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन (EEZ) में भेजा था। अभी जहां CCG 5402 था, Hai Yang उससे 165 नॉटिकल मील उत्तरपूर्व की ओर था।
अमेरिकी नेवी भी तैनात
अमेरिका की नेवी भी लगातार अपने युद्धपोत USS Gabrielle Giffords को Hai Yang से कुछ सौ यार्ड्स की दूरी पर ही बता रही है। उसके विमानवाक पोत USS Nimitz (निमित्ज) और USS Ronald Reagn (रॉनल्ड रीगन) भी साउथ चाइना सी में तैनात हैं। रियर ऐडमिरल जेम्स कर्क का कहना है कि चीनी और अमेरिकी जहाजों ने एक-दूसरे को देखा है और वह उम्मीद करते हैं कि दोनों प्रफेशनल और सुरक्षित बने रहें।
(Source: Daily Express)