वर्मा ने कहा, ‘पिछले कुछ महीनों से मैं गुप्ता द्वारा की जा रही शिकायतें और ई-मेल के बारे में पढ़ रहा हूं। लोढ़ा समिति की सिफारिशों को सुप्रीम कोर्ट ने इसलिए लागू किया था ताकि भारतीय क्रिकेट और बीसीसीआई का भला हो सके।’
उन्होंने कहा, ‘इससे उलट, बीते एक-डेढ़ साल से ऐसा लग रहा है कि गुप्ता अपनी शिकायतों और ई-मेल से भारतीय क्रिकेट में बदलाव की भावना को खराब कर रहे हैं और ऐसा लगता है कि यह सब प्रेरित है। पैटर्न साफ है और उनकी शिकायतें एक लॉबी के लिए है जो उनका उपयोग कर रही है। वह क्रिकेटर जैसे आसान शिकार ढूंढ़ रहे हैं और उन पर हमला कर रहे हैं जो भारतीय क्रिकेट को नुकसान पहुंचा रही है।’
उन्होंने कहा, ‘गुप्ता ने सचिन तेंडुलकर के खिलाफ भी शिकायत की थी और अब वह विराट कोहली के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं। सवाल यह है कि, गर सचिन थोड़ा योगदान देते हैं तो इससे किसका फायदा होगा, ‘क्या यह भारत और पाकिस्तान है ? इस तरह की शिकायतों से हमारे देश और क्रिकेट को नुकासन होगा।’
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) के सचिव ने कहा, ‘क्या कोई बता सकता है कि उनकी मंशा क्या है। अगर वह वाकई बदलाव चाहते हैं तो एमपीसीए में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव क्यों नहीं लड़ते और प्रशासक बनकर खेल के भले के लिए कुछ क्यों नहीं करते।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि बीसीसीआई लोकपाल को उनसे उनके जानकारी के सूत्र के बारे में पूछना चाहिए।’