विकास को सरेंडर को कहा, नहीं मानाः पुलिस

लखनऊ
उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए शूटआउट का मुख्य आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर में ढेर हो गया। विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। विकास दुबे का एनकाउंटर स्क्रिप्टेड बताया जा रहा है। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के अब तक जितने भी अधिकारियों के बयान आए हैं उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब नहीं दिए। विभाग के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार मीडिया के सामने आए और उन्होंने भी सिर्फ उतना ही कहा जितना पुलिस कह रही है।

एडीजी प्रशांत कुमार ने 2-3 जुलाई की रात को हुई घटना का जिक्र किया। उन्होंने विकास पर दर्ज केस की धाराएं गिनाईं और उसके अरेस्ट के बारे में बताया। एडीजी ने कहा कि उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस ने अरेस्ट किया था। वहां से उसे एसटीएफ और पुलिस कानपुर ला रही थी।

छह बजे हुई मुठभेड़
सुबह लगभग साढ़े छह बजे पुलिस की एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई। इस दौरान विकास दुबे ने घायल पुलिसवाले की पिस्तौल छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस ने उसे घेरकर सरेंडर करने को कहा लेकिन वह नहीं माना। उसने पुलिस पर फायरिंग की।


पुलिस पर विकास ने की फायरिंग
विकास दुबे पर पुलिस ने जवाबी फायरिंग की और उसमें वह घायल हो गया। उसे अस्पताल में लाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। एडीजी ने बताया कि उसकी फायरिंग में दो एसटीएफ के सिपाहियों समेत चार पुलिसवाले घायल हो गए।

12 वॉन्टेड अभी फरार
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि शूटआउट मामले में नामजद अपराधियों में से छह मारे जा चुके हैं। तीन गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सात लोगों को पुलिस ने षडयंत्र की धाराओं में जेल भेजा है। उन्होंने बताया कि अभी 12 वॉन्टेड अपराधी फरार हैं।

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