कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे का शुक्रवार सुबह एनकाउंटर कर दिया गया। उज्जैन से गुरुवार को गिरफ्तारी के बाद यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को कानपुर लेकर आ रही थी। इसी दौरान काफिले की गाड़ी पलट गई और विकास दुबे मौके से भागने की कोशिश करने लगा। इसी बीच एनकाउंटर में विकास दुबे मारा गया। हालांकि, कानपुर शूटआउट कांड के मास्टर माइंड के एनकाउंटर पर सियासत भी गरमाने लगी है। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं।
दिग्विजय बोले- तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों?
दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में कहा, ‘जिसका शक था वह हो गया। विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस और अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा। पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?’
दुबे ने उज्जैन महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना?: दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने एक और ट्वीट में लिखा, ‘यह पता लगाना आवश्यक है विकास दुबे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना? मध्यप्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वो यहां उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था?’
प्रियंका गांधी ने किया ये ट्वीट
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी विकास दुबे एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?’
एमपी के गृह मंत्री बोले- कांग्रेस ओछी मानसिकता से बाहर आए
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ओछी मानसिकता से बाहर आए। कल विकास दुबे को पकड़ने पर सवाल उठा रहे थे कि जिंदा क्यों पकड़ लिया, उसे बचाना चाहते थे। आज जब वह मारा गया तो कह रहे हैं कि कैसे मारा गया।