कोरोना से मरने वालों में आधे 60 साल से कम

सुष्मी डे, नई दिल्ली
( in India) दुनियाभर में उम्रदराज लोगों के लिए बहुत घातक साबित हो रहा है। वैसे आंकड़ों को देखें तो भारत में कोरोना से होने वाली मौतों (Corona deaths in India) में जवान लोगों की भी बड़ी तादाद है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना से मरने वालों में 30 से 44 साल और 45 से 59 साल के बीच के लोगों की तादाद 43 प्रतिशत है। कोरोना वायरस से मरने वाले 47 प्रतिशत लोगों की उम्र 60 साल से कम है।

देश में 45 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों के लिए कोरोना वायरस बहुत ही ज्यादा घातक साबित हो रहा है। इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि देश की 25 प्रतिशत आबादी की उम्र 45 साल से ज्यादा है लेकिन कोरोना से मरने वालों में इनका प्रतिशत 85 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 45-75 वर्ष के आयु वर्ग में कोरोना से सबसे ज्यादा 71 प्रतिशत मौतें हुईं हैं। इसी तरह देश में 30-44 वर्ष और 45-59 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की कुल आबादी 37 प्रतिशत है लेकिन कोरोना से मरने वालों में दोनों आयु वर्गों का कुल हिस्सा 43 प्रतिशत है।

बात अगर आयु वर्ग के हिसाब से कोरोना से होने वाली मौतों की करें तो 14 साल से कम उम्र के 1 प्रतिशत मरीजों की मौत हुई है, जबकि आबादी में इस एज ग्रुप की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत है। इसी तरह 15 से 29 वर्ष के 3 प्रतिशत मरीजों की मौत हुई है। कोरोना से मरने वालों में 30-44 एज ग्रुप के 11 प्रतिशत, 45-59 आयु वर्ग के 32 प्रतिशत, 60-74 एज ग्रुप के 39 प्रतिशत और 75 साल से ज्यादा उम्र के 14 प्रतिशत शामिल हैं।

अच्छी बात यह है कि कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 31 मई तक रिकवरी रेट 47.40 प्रतिशत था जो 9 जुलाई तक बढ़कर 62.09 प्रतिशत पहुंच चुका है। 3 मई तक रिकवरी रेट 26.59 प्रतिशत था। जाहिर है कि रिकवरी रेट में लगातार इजाफा हो रहा है।

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