के तहत दूसरे देश में रह रहे अब तक 2.50 लाख से ज्यादा भारतीयों को वापस लाया जा चुका है। के कारण लाखों भारतीयों का विदेशों में रोजगार छिन गया है। ऐसे में करीब साढ़े चार लाख लोगों ने भारत लौटने के लिए विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों में रजिस्ट्रेशन करवा रखा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया, ‘वंदे भारत मिशन की शुरुआत 11 जून को हुई थी। इस चरण में 191 फीडर फ्लाइट्स समेत कुल 555 फ्लाइट्स की सेवा ले रहे हैं। इस चरण में 41 देश कवर किए जा रहे हैं। इसके लिए 55 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और 27 घरेलू हवाई अड्डों की सेवाएं ली जा रही हैं।’ श्रीवास्तव ने कहा कि वंदे भारत मिशन के तहत अब तक 2 लाख, 50 हजार, 87 भारतीय वतन लौट चुके हैं। इनमें 27% प्रवासी कामगार हैं। उन्होंने कहा, ‘नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से 75 हजार से ज्यादा लैंड बॉर्डर इमिग्रेशन चेकपॉइंट्स से होकर आए हैं।’
विदेश मंत्रालय ने विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए शुरू की गई चार्टर्ड फ्लाइट सर्विस की जानकारी देते हुए बताया कि अब 57 हजार भारतीयों ने इसकी सेवा ली है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ’26 मई से चार्टर्ड फ्लाइट सर्विस शुरू हुई और तब से अब तक ऑपरेशन की गति लगातार तेजी पकड़ रही है। अब तक 57 हजार से ज्यादा भारतीय नागरिक चार्टर्ड फ्लाइट से भारत लौटे हैं। सिर्फ 16 जून को 36 उड़ानों से 6,400 से ज्यादा भारतीय वतन लौटे।’
उन्होंने बताया कि अब उन विदेशी नागरिकों को भी वंदे भारत मिशन के तहत भारत लाया जा रहा है जो किसी भारतीय नागरिक के परिवार का हिस्सा हैं, लेकिन उनके पास ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड नहीं है। श्रीवास्तव ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय के सुझाव पर गृह मंत्रालय ने उन भारतीयों की वतन वापसी को लेकर नियमों में ढील दी है जिनके परिवार में विदेशी नागरिक हैं और उनके पास ओसीआई कार्ड नहीं है। नियम बदलने के बाद अब भारतीय नागरिक अपने उन पारिवारिक सदस्यों के साथ भारत लौट रहे हैं।’