तीन जजों की बेंच ने की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (CPIL) की तरफ से इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई की। पीठ ने केंद्र का हलफनामा रिकॉर्ड पर रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इसकी कॉपी एनजीओ की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी को दिए जाने का निर्देश दिया।
NDRF में फंड ट्रांसफर करवाने की मांग
सीपीआईएल ने याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि वह एनडीआरएफ में जमा धन का इस्तेमाल प्रवासी मजदूरों की सहायता में करने का आदेश केंद्र सरकार को दे। साथ ही आग्रह किया कि व्यक्तियों अथवा संस्थाओं द्वारा हर प्रकार के दान को एनडीआरएफ में जमा करवाया जाए, न कि पीएम केयर्स फंड में।
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केंद्र सरकार ने दी यह दलील
इस पर केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा, ‘विभिन्न तरह के राहत कार्यों के लिए कई फंड पहले स्थापित हुए थे या फिर अभी हुए हैं। पीएम केयर्स भी ऐसा ही एक फंड है जिसमें स्वैच्छिक योगदान दिया जाता है।’ केंद्र ने कहा, ‘आपदा प्रबंधन कानून की धारा 46 के तहत एनडीआरएफ के नाम से एक फंड है। हालांकि, किसी वैधानिक फंड की मौजूदगी पीएम केयर्स फंड जैसा दूसरा फंड बनाने में बाधक नहीं है जो स्वैच्छिक दान की सुविधा मुहैया कराता है।’
हलफनामे में यह भी कहा गया है कि चंद लोगों द्वारा इसकी आलोचना के आधार पर इस कोष को केंद्र सरकार, सभी राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, स्थानीय स्वशासी संस्थाओं और नागरिकों आदि से मिले अप्रत्याशित राष्ट्रव्यापी सहयोग को कमतर करके नहीं आंका जा सकता है।
एनजीओ की मांग मानने योग्य नहीं: गृह मंत्रालय
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से फाइल ऐफिडेविट में कहा गया है कि जनहित याचिका के जरिए केंद्र सरकार को पीएम केयर्स फंड का धन एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने का निर्देश दिए जाने का किया गया आग्रह न मानने योग्य है और न ही आर्टिकल 32 के अनुरूप है। केंद्र सरकार ने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की धारा 46 के तहत निर्मित फंड के सिवा दूसरे सभी फंड्स अलग, भिन्न और विशिष्ट हैं जिन्हें दूसरे प्रावाधानों के तहत अलग से बनाया गया है।
28 मार्च को अस्तित्व में आया पीएम केयर्स फंड
ध्यान रहे कि केंद्र सरकार ने 28 मार्च को प्राइम मिनिस्टर्स सिटिजन असिस्टेंस ऐंड रिलीफ इन इमर्जेंसी सिचुएशंस (PM CARES) फंड का निर्माण किया ताकि कोविड-19 महामारी जैसे आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने में मदद मिल सके। प्रधानमंत्री इस फंड के पदेन अध्यक्ष हैं जबकि रक्षा, गृह और वित्त मंत्री को इसका पदेन ट्रस्टी बनाया गया है।