खिलाड़ी के रोजी-रोटी की अंतिम उम्मीद भी खतरे में

कोलकाताएटीके (तब एटलेटिको डि कोलकाता) ने 2014 में इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के पहले सीजन का खिताब जीता था तब विश्वजीत साहा इस ऐतिहासिक जीत का हिस्सा थे। लेकिन वह अब अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि उनकी फूड स्टाल कोविड-19 के कारण बंद होने की कगार पर है। 2018 में हुए मासंपेशियों की चोट के कारण वह मुंबई सिटी एफसी से बाहर हो गए थे। तब से उन्हें किसी क्लब का साथ नहीं मिला है।

उसके बाद से वह मैदान पर वापसी की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसमें समय लग रहा है। 34 साल के इस खिलाड़ी ने अपने भाई के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल के जिला हुगली में बांडेल में अपने घर के पास एक फास्ट फूड स्टाल भी खोली थी साहा ने गुरुवार को कहा, ‘मैंने 2018 के बाद से पेशेवर फुटबाल नहीं खेली है। मैं वालेंसिया (स्पेन) में मुंबई सिटी एफसी के साथ प्री सीजन की तैयारी के लिए था। वहां मैं बुरी तरह से चोटिल हो गया। हमें अगले दिन मुंबई आना था, लेकिन मैं एक दिन पहले ही चोटिल हो गया था।’

साहा शादीशुदा हैं और उनकी दो बेटियां हैं। उन्होंने कहा, ‘उस साल सुपर कप हुआ था। मैंने एक मैच खेला था, मैं दूसरे हाफ में सब्सीटियूट था। 2018 चला गया और इसके बाद मुझे ठीक होने में समय लगा। तब मैंने और मेरे भाई ने फैसला किया कि हम परिवार चलाने के लिए फास्ट फूट सेंटर खोलेंगे।’ साहा ने कहा कि वह अभी भी अभ्यास कर रहे हैं और अच्छी लय में हैं। उनका प्लान कलकत्ता फुटबाल लीग (सीएफएल) में खेलने का था लेकिन कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के चलते उनकी वापसी का इंतजार लंबा हो गया है।

उन्होंने कहा, ‘लॉकडाउन ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। हमारी दुकान अच्छी चल रही थी। लेकिन स्वास्थ संबंधी बीमारी के कारण ज्यादा ग्राहक नहीं आते। जहां तक वापसी की बात है तो मैं काफी कोशिश कर रहा हूं, लेकिन मैं युवा नहीं हो सकता। यह समय (किसी तरह की फुटबाल न होने का) मेरी संभावनाओं को और चोट पहुंचाएगा।’ साहा ने कहा, ‘पिछले साल दुर्गा पूजा से पहले मैंने अपनी फास्ट फूड की दुकान किराए पर दे दी थी। परिवार चलाने का लिए हमारे पास यही किराया है। इस समय मेरे पास और कुछ करने को नहीं है। मेरी दो बेटियां हैं एक छह साल की और एक तीन साल की।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने कोचिंग करने के बारे में भी सोचा था, लेकिन इस समय यह हकीकत से परे लगता है। मैं शीर्ष स्तर की फुटबाल में वापसी करना चाहता हूं। सीएफएल में हिस्सा लेना चाहता हूं, उसके बाद शायद आई-लीग में। अगर यह लॉकडाउन नहीं आता तो मैंने अपनी राह पकड़ ली होती। अब हम अपनी जरूरतें पूरा करने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं।’

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