कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी पर कई सवाल उठ रहे हैं। यह तो साफ हो गया है कि फूल दुकानदार की सूचना पर ही विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया है। ऐसे में सवाल है कि क्या विकास दुबे ने एक प्लानिंग के तहत उज्जैन में सरेंडर किया है। क्योंकि यूपी एसटीएफ की टीम लगातार उसकी तलाश में खाकर छान रही था।
वहीं, एक जानकारी सूत्रों के अनुसार यह भी सामने आ रही है कि उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह और एसपी मनोज सिंह बुधवार की रात महाकाल मंदिर पहुंचे थे। दोनों महाकाल मंदिर में पूजा के लिए नहीं गए थे। सूत्र बता रहे हैं कि जिले के दोनों बड़े अधिकारियों ने वहां बंद कमरे में बात की है। ऐसे में सवाल है कि क्या इसका कोई कनेक्शन विकास की गिरफ्तारी से भी है।
कांग्रेस ने पूछा सवाल
इन चर्चाओं पर एमपी कांग्रेस ने भी सरकार से सवाल किया है। कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा है कि कल रात ही उज्जैन कलेक्टर और एसपी महाकाल मंदिर गए थे, बंद कमरे में बैठक हुई…पता नहीं पटकथा लीक कैसे हो गई। बाकी स्क्रिप्ट के अनुसार सीएम-एचएम के बयान आ ही रहे हैं।
महाकाल थाना के प्रभारी का भी तबादला
वहीं, विकास दुबे की गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही महाकाल थाना के प्रभारी का भी तबादला हुआ है। 8 जुलाई को जारी आदेश के अनुसार महाकाल थाना प्रभारी प्रकाश वास्कले का तबादला नीलगंगा थाने में हो गया था। वहीं, अरविंद सिंह तोमर को महाकाल का नया प्रभारी बनाया गया है। अभी यह पुलिस लाइन में पोस्टेड थे।
हालांकि इन चीजों का विकास दुबे की गिरफ्तारी से कितना कनेक्शन है, ये तो किसी जांच के बाद ही साफ होगा। लेकिन विकास दुबे की जिस नाटकीय ढंग से गिरफ्तारी हुई है, वह कई सवाल खड़ा कर रहा है। वहीं, उज्जैन पुलिस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि सीएम, गृह मंत्री और उज्जैन कलेक्टर ने ही किया है।