दुर्ग. महानगरीय बस सेवा के तहत जिस रूट पर पूरे दिन 50-60 बसें चलती थी वर्तमान में उस रूट पर महज 12 बसें चल रही है। उस बस में भी सवारियों का टोटा है। बस मालिक संघ ने स्पष्ट कहा है कि शुरुआती दौर में घाटे का सौदा है। अगर यही हाल रहा तो वे बस को एक बार फिर खड़ी कर देंगे।
विभिन्न मार्गो पर बस सेवाएं शुरू हो गई
सोमवार से दुर्ग से विभिन्न मार्गो पर बस सेवाएं शुरू हो गई है। महानगरीय बस सेवा के तहत रायपुर मार्ग पर सुबह 6.30 से शाम 6 बजे तक कुल 12 बसों संचालन किया जा रहा है। इसी तरह धमधा मार्ग पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक, पाटन रूट पर सुबह 6 से शाम 5 बजे तक 7, दल्लीराजहरा मार्ग पर सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक 6, और खैरागढ़ मार्ग पर सुबह 8 से शाम 6 बजे तक 6 बसों का संचालन किया जा रहा है। राज्य के अंदर लंबी दूरी की बसें अंबिकापुर, कोंटा और बैलाडीला के लिए कुल 4 बसें है। वहीं अन्य बसों को नॉन यूज की श्रेणी में रखा गया है। अब तक इस श्रेणी में 394 छोटी बड़ी बसों को रखा गया है।
बस को किया जा रहा सेनेटाइज
बसों को सेनेटाइज किये जाने के बाद ही गंतव्य के लिए भेजा जा रहा है। शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि बिना सेनेटाइज के बस न चलाई जाए। यात्री बस सुविधा अधिक से अधिक लाभ मिल सके इसलिए अंतरजिला परिवहन के लिए ई-पास की बाध्यता का समाप्त किया गया है।
सुबह 6 बजे की बस 11 बजे हुई रवाना
बुधवार को दल्लीराजहरा रूट के लिए सुबह 6 बजे बस लगाई गई थी, लेकिन एक सवारी होने की वजह से बस अपनी जगह खड़ी रही। सुबह लगभग 11 बजे 9 सवारी होने पर बस को दल्लीराजहरा के लिए रवाना किया गया। बस संचालक ने बताया कि दल्लीराजहरा जाने में आय 900 हुई और व्यय 3600 रुपए।
शासन ने दी राहत
जिले में प्रारंभ हुई बस सेवा
छत्तीसगढ़ शासन के परिवहन मंत्री मो. अकबर ने बस मालिक संघ ने राहत दी है। बस मालिक संघ के पदाधिकारियों की मांगों पर विचार करते हुए यात्री बसों पर लगने वाले कर को माफ किया है। नए आदेश में जून 2020 टैक्स में छूट दी गई है। जिससे जिले के बस आपरेटर्स का लगभग 75 लाख रुपये का टैक्स छूट का लाभ मिलेगा।
सवारी नहीं मिलने की वजह से बंद कर देंगे
बस मालिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश देशलहरा ने कहा कि बस चलाने में सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है कि जो नॉन टैक्सी कार है वह चल रही है। डेली बसों में सफर करने वाले यात्री अपनी सुविधा के लिए प्रायवेट चार पहिया वाहन को किराए पर ले रखा है। आरटीओ को चाहिए कि जो प्राइवेट गाड़ी टैक्सी के रुप में चल रही है उसे पहले बंद कराई जाए। अन्यथा की स्थिति में वे सप्ताह भर बाद बसों को सवारी नहीं मिलने की वजह से बंद कर देंगे।