मंत्री से सवाल पूछने पर ट्रोल की अभद्र टिप्पणियों की शिकार हुई युवती, मामला दर्ज

इंदौर, आठ जुलाई (भाषा) मध्यप्रदेश में कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार गिराये जाने को लेकर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट से यहां एक बैठक में सवाल पूछने के बाद सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियों की शिकार युवती की शिकायत पर पुलिस ने बुधवार को मामला दर्ज किया। यह मामला पहले ही तूल पकड़ चुका है। लसूड़िया पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि 19 वर्षीय युवती की सोमवार को पेश शिकायत पर जांच के बाद बसंत पांचाल, उमेश प्रजापति, मनोज शर्मा और प्रणय कुमार के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 509 (स्त्री की लज्जा के अनादर की नीयत से किया गया काम) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिलहाल आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने के बाद मौजूदा शिवराज सिंह चौहान सरकार में जल संसाधन मंत्री बनाये गये सिलावट से युवती ने रविवार को यहां एक बैठक में अचानक राजनीतिक सवाल किये थे। वह शहर की कुछ टाउनशिप के रहवासियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं जान रहे थे। युवती ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा कि मंत्री से उसके प्रश्न करने के बाद आरोपियों ने उसे सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियों के जरिये निशाना बनाया और उसके चरित्र पर सवाल भी उठाये। सिलावट से युवती के सवाल किये जाने के वाकये का वीडियो सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल हो चुका है। युवती इस वीडियो में मंत्री से मुखातिब होकर कहती सुनायी पड़ती है, “मैं आपसे एक बात पूछना चाहती हूं। आप पहले कांग्रेस में थे और अचानक भाजपा में आ गये। आपने एक अच्छी-खासी सरकार गिरा दी। कैसा लगा आपको?” वीडियो में युवती के अचानक दागे गये सवाल से सिलावट पहले-पहल असहज दिखायी देते हैं। हालांकि, वह युवती को यह जवाब देते सुनायी पड़ते हैं कि वह अब भी आम लोगों के बीच ही बैठे हैं। मंत्री से युवती के सवाल करने पर जब बैठक में शामिल कुछ लोग रोक-टोक करते हैं, तो वह जोर देकर कहती सुनायी पड़ती है कि “वह भी एक मतदाता है।” गौरतलब है कि सिलावट वरिष्ठ राजनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के वफादार नेताओं में गिने जाते हैं। सिंधिया की सरपरस्ती में सिलावट समेत कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गयी थी। इस कारण कमलनाथ को 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आयी थी।

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