'भारत में रोज आ सकते हैं 2.8 लाख कोरोना केस'

रिसर्चरों ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 वैक्सीन या दवाओं के अभाव में भारत में 2021 में सर्दी के अंत तक प्रति दिन कोरोनावायरस के 2.87 लाख मामले दर्ज हो सकते हैं। एमआईटी के स्लोन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के शोधकर्ता हाजिर रहमानदाद, टीवाई लिम और जॉन स्टरमैन द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, दुनिया में 2021 में वसंत के मौसम तक 24.9 करोड़ मामले और 18 लाख मौतें हो सकती हैं। शोधकर्ताओं ने साफ कहा है कि ये अनुमानित आंकड़े वैक्सीन की खोज नहीं होने और इलाज की उपलब्धता के अभाव के मद्देनजर पेश किए गए हैं।

शोधकर्ताओं ने 84 देशों में 4.75 अरब लोगों के विश्वसनीय जांच आंकड़ों के आधार पर एक डायनैमिक एपिडेमियोलॉजिकल मॉडल तैयार किया है। इस अध्ययन के लेखकों ने लिखा है, ‘हमने वैश्विक स्तर पर कोविड-19 महामारी को लेकर सभी देशों के लिए अनुमान लगाने का मॉडल बनाया है। हमारा मॉडल रोग के प्रसार की गतिशीलता को पकड़ता है।’

उनका कहना है कि यह अनुमान जांच की मौजूदा गति, सरकारी नीतियों और आम लोगों का कोविड-19 के प्रति रवैये को ध्यान में रखकर जताया गया है। इसलिए, इसे संभावित जोखिम के तौर पर देखा जाना चाहिए, न कि भविष्य की गारंटी के रूप में। रिसर्चरों का कहना है कि अगर जांच में और तेजी लाई जाए और आपसी संपर्क सीमित किया जाए तो महामारी के फैलने की आशंका भी कमजोर पड़ेगी। इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में कोरोना का और विकराल रूप देखा जा सकता है।

इस अध्ययन के अनुसार, 2021 में सर्दियों के अंत तक जिन देशों में दैनिक संक्रमण दर का अनुमान लगाया गया है, उनमें शीर्ष 10 देशों में भारत, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, इंडोनेशिया, यूके, नाइजीरिया, तुर्की, फ्रांस और जर्मनी शामिल हैं। अध्ययन के मुताबिक, सर्दियों के अंत तक भारत सबसे अधिक प्रभावित देश होगा। इसके बाद अमेरिका (95 हजार मामले प्रति दिन), दक्षिण अफ्रीका (21 हजार मामले प्रति दिन), ईरान (17 हजार मामले प्रति दिन) और इंडोनेशिया (13 हजार मामले प्रति दिन) होंगे।

शोधकर्ताओं ने तीन संभावित परिस्थितियों के मद्देनजर ये अनुमान पेश किए हैं। पहला- हर देश में जांच की दर और वहां महामारी के प्रति सजगता का स्तर, दूसरा- अगर जांच में प्रतिदिन 0.1 प्रतिशत की वृद्धि कर दी जाए और तीसरा- अगर मौजूदा स्तर की जांच से हटकर संभावित जोखिम के प्रति संपर्क दर की संवेदनशीलता 8 मान ली जाए।

पहली दो परिस्थितियों में 2020 के आखिर तक कुछ देशों – खासकर भारत में, उसके बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अमेरिका में भी – लाखों नए कोरोना केस होंगे। एमआईटी के शोधकर्ताओं ने यह भी कहा है कि संक्रमण की दर पूर्व की तुलना में 12 गुना और मृत्यु की दर पहले की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है।

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